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राकेश झुनझुनवाला ने संयोग से खरीदे थे टाइटन के शेयर, RJ के दोस्त रमेश दमानी ने बताई पूरी कहानी

झुनझुनवाला को टाइटन के शेयर बहुत पसंद थे। यह शेयर हमेशा उनके पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा बना रहा। RJ के खरीदने के बाद से टाइटन के शेयर का प्राइस 62 गुना (2470 रुपये) हो चुका है

अपडेटेड Aug 16, 2022 पर 8:24 PM
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Rakesh Jhunjhunwala ने 2003 में खरीदे थे टाइटन के शेयर।

राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) ने 2003 में टाइटन के शेयर सिर्फ 40 रुपये में खरीदे थे। मशहूर वैल्यू इनवेस्टर रमेश दमानी (Ramesh Damani) ने झुनझुनवाला (RJ) के टाइटन के शेयरों को खरीदने की दिलचस्प कहानी बताई है। दमानी और झुनझुनवाला का रिश्ता बहुत पुराना था। दोनों करीब तीन दशक तक करीबी दोस्त बने रहे।

झुनझुनवाला को टाइटन के शेयर बहुत पसंद थे। यह शेयर हमेशा उनके पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा बना रहा। दमानी ने बताया कि झुनझुनवाला ने टाइटन का शेयर संयोग से खरीदा था। उन्होंने इसे किसी रिसर्च या टिप्स के आधार पर नहीं खरीदा था। हालांकि, ज्यादातर लोगों को यह लगता है कि झुनझुनवाला ने टाइटन के बारे में काफी रिसर्च किया था। लोगों को लगता है कि झुनझुनवाला ने टाइटन के शेयरों के प्रदर्शन का अंदाजा लगा लिया था।

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दमानी ने झुनझुनवाला के बारे में एन महालक्ष्मी को दिए एक इंटरव्यू में टाइटन के शेयरों की कहानी बताई है। RJ के खरीदने के बाद से टाइटन के शेयर का प्राइस 62 गुना (2470 रुपये) हो चुका है। दमानी ने बताया कि कई बार RJ पहले शेयर खरीद लेते थे, उसके बाद उसके बारे में रिसर्च करते थे।

उन्होंने बताया कि रिसर्च के बाद अगर RJ को शेयर पंसद आता था तो उसमें इनवेस्टमेंट बढ़ाते थे। हालांकि, ऊंची कीमतों पर किसी शेयर को खरीदना बहुत मुश्किल काम है। उन्होंने कहा, "2003 में उनके ब्रोकर ने उन्हें फोन किया और कहा कि उसके पास टाइटन के 10 लाख शेयर हैं, जिसे कोई व्यक्ति बेचना चाहता है।"

दमानी के मुताबिक, ब्रोकर ने कहा कि अगर आप 10 लाख शेयर खरीदते हैं तो कीमत प्रति शेयर 40 रुपये होगी। अगर आप 30 लाख शेयर खरीदते हैं तो कीमत 38 लाख रुपये होगी। अगर आप 50 लाख शेयर खरीदते हैं तो कीमत 36 रुपये होगी। झुनझुनवाला 10 लाख शेयर को खरीदने के लिए तैयार हो गए। उसके बाद उन्होंने इस शेयर के बारे में रिसर्च करना शुरू किया।

RJ के दोस्त ने बताया कि अगले कुछ सालों में आरजे ने टाइटन के शेयरों को खरीदना जारी रखा। उन्होंने इस तरह कंपनी के करीब 5 फीसदी शेयर खरीद लिए। दमानी ने बताया कि ज्यादातर लोग यह जानते हैं कि RJ ने किसी टिप्स के आधार पर टाइटन के शेयर खरीदे थे। लेकिन, ऐसा सोचना गलत है।

दमानी ने कहा कि कई बार सच्चाई लोगों की सोच से काफी अलग होती है। RJ ने भले ही टाइटन के शेयरों को संयोग से खरीदा, लेकिन उन्होंने इसमें हिस्सेदारी अपनी रिसर्च के बाद बढ़ाई। ऐसा करना बहुत मुश्किल होता है।

ट्रेडिंग को लेकर दीवानगी, असाधारण फोकस, बड़े सौदे करने की हिम्मत और कई बार लॉस। ये सभी ऐसी चीजें हैं जो झुनझुनवाला को दूसरे इनवेस्टर्स से अलग करती थीं। गलत फैसलों का असर झुनझुनवाला की छवि पर भी पड़ता था। लेकिन, वे इसे सहज भाव से लेते थे। दमानी ने बताया कि RJ पर हिन्दी फिल्म का यह गाना पूरी तरह से लागू होता है "मैं हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया।"

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