आज मॉनेटरी पॉलिसी में बाजार को रेट कट की बड़ी उम्मीद है। LDR को लेकर भी राहत मिल सकती है। बड़ा सवाल ये कि इन दोनों एलान से किसको फायदा मिलेगा। किन शेयरों पर नजर रखनी चाहिए। रेट कट हुआ तो फिक्स रेट पर लोन देने वाले बैंकों को फायदा होगा। दरें कम होने पर भी बैंक पर कोई असर नहीं होगा। इनके इंटरेस्ट खर्च नहीं बढ़ेंगे।दरें कम हुई तो रीफाइनेंसिंग के नए मौके मिलेंगे। इससे बैंकों के NIMS (नेट इंटरेस्ट मार्जिन) बढ़ सकते हैं। उनको लिक्विडिटी और फंडिंग की दिक्कत नहीं आएगी।
किस बैंक कितने फिक्स लोन हैं इस पर नजर डालें तो बंधन बैंक के 77 फीसदी लोन फिक्स रेट पर हैं। वहीं,AU बैंक के 70 फीसदी,IDFC बैंक के 61 फीसदी, इंडियन बैंक के 50 फीसदी, ICICI बैंक के 31 फीसदी और एक्सिस बैंक के 30 फीसदी लोन फिक्स रेट पर हैं।
LDR में राहत से किसको फायदा
LDR में राहत से बैंक डिपॉजिट के मुकाबले ज्यादा लोन दे पाएंगे। LOW LDR वाले बैंक ज्यादा लोन दे पाएंगे। इससे शॉर्ट टर्म लिक्विडिटी बढ़ेगी। आइए जानते हैं क्या होता है LDR रेश्यो। LDR यानी लोन टू डिपॉजिट रेश्यो। इससे किसी बैंक के लोन और डिपॉजिट की जनकारी मिलती है। जितना ज्यादा LDR मतलब उतने ज्यादा लोन। LDR रेश्यो घटने से बैंक ज्यादा लोन दे पाएंगे। RBI ने हाल के दिनों में LDR को लेकर सख्ती की है।
इस पर नजर डालें तो HDFC बैंक का LDR रेश्यो 98 फीसदी है। वहीं, IDFC फर्स्ट बैंक का LDR रेश्यो 94 फीसदी, एक्सिस बैंक का 93 फीसदी, बंधन बैंक का 91 फीसदी, इंडियन बैंक का 90 फीसदी, इंडसइंड बैंक का 87 फीसदी, कोटक बैंक का 87 फीसदी और ICICI बैंक 85 फीसदी है।
दूसरी तिमाही के लिए LDR रेश्यो
दूसरी तिमाही में HDFC बैंक का LDR रेश्यो 100 फीसदी, एक्सिस बैंक का 92 फीसदी. इंडसइंड बैंक का 87 फीसदी, कोटक बैंक का 87 फीसदी और ICICI बैंक 85 फीसदी पर था।
IIFL का FY25 लोन ग्रोथ अनुमान
IIFL का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 में HDFC बैंक की लोन ग्रोथ 3 फीसदी रह सकती है। वहीं, AXIS बैंक की लोन ग्रोथ 11 फीसदी, इंडसइंड बैंक की लोन ग्रोथ 10 फीसदी और एसबीआई की लोन ग्रोथ 13 फीसदी रह सकती है।