महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) ने 26 जुलाई को कंफर्म कर दिया कि कंपनी RBL Bank में 3.53 फीसदी हिस्सेदारी 417 करोड़ रुपए में खरीद रही है। मनीकंट्रोल ने सबसे पहले यह खबर दी थी। इसके कुछ घंटों बाद ही M&M ने रेगुलेटर को दी गई जानकारी में बताया, "हम RBL Bank में 3.53 फीसदी हिस्सेदारी ले रहे हैं।" कंपनी ने ये भी कहा कि रेगुलेटर की मंजूरी और कीमत को ध्यान रखते हुए वह आगे और निवेश कर सकता है।
हालांकि कंपनी ने ये भी साफ कर दिया कि किसी बैंक में अधिकतम 9.9 फीसदी ही हिस्सेदारी ही ली जा सकती है। RBI के अनुसार इंडस्ट्रियल हाउसेज को बैंकों में अधिकतम 9.9 फीसदी हिस्सेदारी रखने की अनुमति है। लेकिन वे प्रमोटर के तौर पर काम नहीं कर सकते हैं। लेकिन एक सूत्र ने बताया कि महिंद्रा ग्रुप आरबीआई से छूट की मांग कर सकता है। बता दें कि आरबीआई किसी औद्योगिक घराने को बैंकिंग लाइसेंस देने पर भी रोक लगाता है।
RBL Bank के शेयरों में जबरदस्त तेजी
26 जुलाई को RBL Bank के शेयर कारोबार के अंत में 7.21 फीसदी तेजी के साथ बंद हुए हैं। दिन भर के कारोबार के दौरान एक समय RBL Bank के शेयरों ने 52 हफ्तों का हाइएस्ट लेवल 242.20 छू लिया था। हालांकि बाद में यह 239.40 रुपए पर बंद हुआ।
मुश्किल रहा है RBL Bank का सफर
RBL Bank के लिए पिछले कुछ साल उतार-चढ़ाव भरे रहे। विश्ववीर आहूजा ने एमडी और सीईओ का पद छोड़ दिया क्योंकि आरबीआई ने उनका कार्यकाल नहीं बढ़ाया। आरबीआई ने दिसंबर 2021 में आरबीएल बैंक के बोर्ड में अपना अधिकारी नियुक्त किया। विश्ववीर आहूजा के अचानक बाहर निकलने और आरबीआई की कार्रवाई ने निवेशकों के सेंटीमेंट को खराब किया है। इन्वेस्टर कम्युनिटी के एक सूत्र ने कहा, "हमें लगता है कि रेगुलेटर आरबीएल बैंक के लिए लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन की तलाश में है।"
गोपाल जैन और शिवकुमार गोपालन को अगस्त 2022 में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था। बैरिंग्स एशिया के पास बैंक में 10% हिस्सेदारी है। वहीं, गाजा कैपिटल, सीडीसी अन्य निवेशक हैं। बैरिंग्स एशिया के नेतृत्व वाले कंसोर्शियम ने 2020 में बैंक में निवेश किया था।