Refex Industries का शेयर धड़ाम, 20% टूटकर लोअर सर्किट में; ₹1000 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी से जबरदस्त बिकवाली

Refex Industries Share Price: रेफेक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड का मार्केट कैप गिरकर 3500 करोड़ रुपये के करीब रह गया है। छापेमारी और जांच के दायरे में रेफेक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड, फाइनेंसर्स, हवाला ऑपरेटर्स और प्रमोटर्स से कथित तौर पर जुड़े ज्वेलरी बिजनेस हैं

अपडेटेड Dec 12, 2025 पर 12:02 PM
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एक बयान में आयकर विभाग ने कहा कि उसने छापेमारी मंगलवार, 9 दिसंबर को की थी।

रेफ्रिजरेंट गैस बनाने वाली रेफेक्स इंडस्ट्रीज के शेयरहोल्डर्स के लिए 12 दिसंबर का दिन काफी खराब रहा। तगड़ी बिकवाली से शेयर 20 प्रतिशत टूटा और BSE पर 254.35 रुपये पर लोअर सर्किट लग गया। एक दिन पहले खबर आई थी कि आयकर विभाग ने रेफेक्स ग्रुप और उसके एसोसिएट्स की ओर से 1,000 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी और स्विट्जरलैंड की एक फार्मा कंपनी में 250 करोड़ रुपये के बिना किसी वजह के निवेश का पता लगाया है।

एक बयान में विभाग ने कहा कि उसने छापेमारी मंगलवार, 9 दिसंबर को की थी। छापेमारी और जांच के दायरे में रेफेक्स ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी रेफेक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड, फाइनेंसर्स, हवाला ऑपरेटर्स और प्रमोटर्स से कथित तौर पर जुड़े ज्वेलरी बिजनेस हैं।

आयकर विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सर्च ऑपरेशंस के दौरान 1,112 करोड़ रुपये की फर्जी खरीदारी का पता चला। यह ज्यादातर कोयला खरीद और ऐश-हैंडलिंग कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी थी। रेफेक्स इंडस्ट्रीज को भी 53 लोगों और एंटिटीज से 382.68 करोड़ का इक्विटी कॉन्ट्रीब्यूशन मिला। इनमें 15 नॉन-फाइलर और 37 ऐसे लोग शामिल हैं, जिन्होंने अपने टैक्स रिटर्न में ट्रांजेक्शंस का खुलासा नहीं किया। कॉन्ट्रीब्यूटर्स में से कई, प्रमोटर्स के कर्मचारी या एसोसिएट हैं। इसके चलते शक है कि पूरा निवेश बिना किसी वजह के बेनामी एंटिटी के जरिए किया गया निवेश है।


प्रमोटर ने ड्राइवर के नाम पर बनाईं शेल कंपनियां

आयकर विभाग का कहना है कि प्रमोटर ने अपने ड्राइवर के नाम पर शेल कंपनियां बनाईं, जिनके जरिए 8.5 करोड़ रुपये का कैश डिपॉजिट किया गया और 200 करोड़ रुपये से ज्यादा के ट्रांजेक्शन किए गए। इसके साथ ही फाइनेंसर राजेश सुराना के यहां भी सर्च ऑपरेशन चलाया गया। सुराना ने कथित तौर पर आराध्या इंफ्रा को 312 करोड़ रुपये एडवांस दिए, जिसने फिर फंड को आगे लोन के तौर पर दिया। 10 करोड़ से ज्यादा के लेन-देन में मदद करने वाले हवाला ऑपरेटर्स की भूमिका की भी जांच की जा रही है। रेफेक्स ग्रुप ने कहा है कि वह प्रोसेस को आसानी से पूरा करने के लिए आयकर अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है।

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एक सप्ताह में 23 प्रतिशत लुढ़का शेयर

रेफेक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड का मार्केट कैप गिरकर 3500 करोड़ रुपये के करीब रह गया है। कंपनी में 3 अक्टूबर 2025 तक प्रमोटर्स के पास 55.92 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। शेयर एक सप्ताह में 23 प्रतिशत गिरा है। वहीं एक साल में भाव आधा हो चुका है। शेयर की फेस वैल्यू 2 रुपये है। रेफेक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड भारत में रेफ्रिजरेंट गैसों की स्पेशलिस्ट मैन्युफैक्चरर और रीफिलर है, विशेष रूप से पर्यावरण की नजर से स्वीकार्य गैसों के मामले में। कंपनी ऐश मैनेजमेंट, रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स, और अपनी सहायक कंपनियों के जरिए विंड टरबाइन सप्लाई जैसे क्षेत्रों में भी काम करती है। इसका बिजनेस अब गैस मैन्युफैक्चरिंग से आगे बढ़कर मल्टी-सर्विस इंडस्ट्रियल ऑपरेशंस तक फैल चुका है।

Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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