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Reliance AGM: मुकेश अंबानी ने लॉन्च की नई AI कंपनी, गूगल और मेटा के साथ साझेदारी का भी ऐलान

RIL AGM: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भारत में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार 29 अगस्त को 'रिलायंस इंटेलिजेंस’ नाम से एक नई कंपनी लॉन्च किया। यह पूरी तरह रिलायंस इंडस्ट्रीज के पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई होगी। कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इस ऐलान के साथ ही रिलायंस को टेलीकॉम, रिटेल और एनर्जी कारोबार के साथ-साथ “डीप-टेक एंटरप्राइज” में तब्दील करने का विजन सामने रखा

अपडेटेड Aug 29, 2025 पर 3:42 PM
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Reliance AGM 2025: मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस इंटेलिजेंस हर भारतीय तक AI पहुंचाने के मिशन पर काम करेगा

Reliance Industries AGM 2025: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भारत में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार 29 अगस्त को 'रिलायंस इंटेलिजेंस’ नाम से एक नई कंपनी लॉन्च किया। यह पूरी तरह रिलायंस इंडस्ट्रीज के पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई होगी। इसका उद्देश्य भारत को AI के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने इस ऐलान के साथ ही रिलायंस को टेलीकॉम, रिटेल और एनर्जी कारोबार के साथ-साथ “डीप-टेक एंटरप्राइज” में तब्दील करने का विजन सामने रखा।

रिलायंस इंटेलिजेंस चार बड़े मिशनों पर काम करेगी-

- जामनगर में गीगावॉट-स्तरीय, एआई-रेडी डेटा सेंटर का निर्माण,

- ग्लोबल टेक कंपनियों और ओपन-सोर्स कम्युनिटी के साथ रणनीतिक साझेदारी

- शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और स्मॉल बिजनेसेज जैसे सेक्टर्स में AI सेवाओं का विस्तार


- भारत में विश्वस्तरीय AI टैलेंट को आकर्षित करना।

इस महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने के लिए रिलायंस ने सिलिकॉन वैली की गूगल (Google) और मेटा (Meta) जैसी दिग्गज कंपनियों का साथ लिया है। गूगल के साथ साझेदारी को अंबानी ने “डीपर, होलिस्टिक पार्टनरशिप” बताया।

गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि गूगल और रिलायंस मिलकर जेमिनी AI मॉडल्स को रिलायंस के कारोबार में शामिल करेंगे, जामनगर में ग्रीन एनर्जी से संचालित क्लाउड रीजन स्थापित करेंगे और AI स्मार्टफोन्स व एक्सटेंडेड-रियलिटी डिवाइसेस को मिलकर डेवलप करेंगे। पिचाई ने कहा कि, गूगल क्लाउड अब रिलायंस का सबसे बड़ा पब्लिक क्लाउड पार्टनर होगा और यही उसके AI अपनाने की आधारशिला रखेगा।

वहीं, मेटा के साथ रिलायंस ने एक ज्वाइंट वेंचर बनाने का ऐलान किया है, जिसका मकसद भारतीय बिजनेसों और सरकारी संस्थानों के लिए सुरक्षित और स्थानीय जरूरतों के मुताबिक AI प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है। मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा, “हम चाहते हैं कि भारत का हर व्यक्ति AI और इससे भी आगे बढ़कर सुपरइंटेलिजेंस तक पहुंच सके। यह साझेदारी दिखाएगी कि ओपन-सोर्स AI को कैसे सुरक्षित तरीके से राष्ट्रीय स्तर पर स्केल किया जा सकता है।”

रिलायंस ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब कंपनी अपने पारंपरिक ऑयल-टू-केमिकल्स बिजनेस से आगे बढ़ते हुए डिजिटल सेवाओं और क्लीन एनर्जी में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है। बीते छह सालों में जियो को भारत का सबसे बड़ा टेलीकॉम ऑपरेटर बनाने, रिलायंस रिटेल को दुनिया की टॉप रिटेल कंपनियों में शुमार कराने और ग्रीन एनर्जी गीगा-फैक्ट्रीज पर अरबों रुपये झोंकने के बाद अब अंबानी AI को कंपनी का अगला बड़ा ग्रोथ इंजन मान रही हैं।

मुकेश अंबानी ने कंपनी का 48वीं सालाना जनरल मीटिंग (AGM) में कहा, “जियो ने हर भारतीय तक डिजिटल क्रांति पहुंचाया, अब रिलायंस इंटेलिजेंस हर भारतीय तक AI पहुंचाएगा।”

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