Reliance Share Price: मार्केट कैप के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) की न्यू एनर्जी कारोबार बहुत बड़ा है। यह कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि 350 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से इसकी वैल्यू 2.36 लाख करोड़ रुपये है और यह बेंचमार्क निफ्टी (Nifty) के आधे से अधिक है। मनीकंट्रोल के एनालिसिस के मुताबिक निफ्टी 50 में 25 कंपनियों का मार्केट कैप 2.36 लाख करोड़ रुपये से कम है। निवेशकों का भरोसा देश के सबसे बड़े कांग्लोमेरेट में बढ़ रहा है। उनका यह पॉजिटिव रुझान न्यू एनर्जी यूनिट की संभावनाओं, रिटेल बिजनेस के संभावित डीमर्जर और फ्री कैश फ्लो में बढ़ोतरी के चलते है।
शेयरों की बात करें तो इस हफ्ते की शुरुआत में रिलायंस का मार्केट कैप 20 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया। इससे पहले तीन वर्षों तक यह एक रेंज में ऊपर-नीचे हो रहा था। जनवरी में म्यूचुअल फंड्स ने इसमें अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई और इसके 3300 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। निफ्टी में HDFC Bank के बाद सबसे अधिक वेटेज इसी का है। एनालिस्ट्स का रुझान इस शेयर पर बुलिश बना हुआ है।
न्यू एनर्जी सेगमेंट में काफी आगे बढ़ चुकी है Reliance
DRChoksey FinServ के एमडी देवेन चोकसे का कहना है कि रिन्यूएबल्स बिजनेस में रिलायंस काफी आगे बढ़ चुकी है। जहां सरकारी कंपनियों इसे लेकर अभी दिलचस्पी ही दिखा रही हैं, रिलायंस ने ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिए एक पूरा इकोसिस्टम बना लिया है। कंपनी ने सोलर पैनल बनाया और जगह-जगह सौर फार्म बनाए हैं। कंपनी की जामनगर में पोर्ट के पास मौजूदगी है। देवेन का मानना है कि कंपनी इलेक्ट्रोलाइजर प्रोसेस में संभवतः नई तकनीक को बढ़ा रही है। गोल्डमैन सैक्स और जेफरीज ने इसके न्यू एनर्जी बिजनेस को 300 रुपये से अधिक की वैल्यू एसाइन की है। सबसे कम वैल्यू नोमुरा ने फिक्स की है, 182 रुपये।
इस सेगमेंट में रिलायंस के लिए सबसे बड़ा ट्रिगर गुजरात में न्यू एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स की शुरुआत होगी। तीसरी तिमाही के नतीजे पेश करने के बाद रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि न्यू एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स इस साल की दूसरी छमाही में चालू होने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस कॉम्प्लेक्स में फोटोवोल्टिक पैनल्स, फ्यूल सेल सिस्टम्स, ग्रीन हाइड्रोजन, एनर्जी स्टोरेज और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए पांच गीगा फैक्ट्रीज होंगी।
रिलायंस रिटेल और जियो से मिलेगा तगड़ा सपोर्ट
एक फंड मैनेजर का कहना है कि रिलायंस का E&P (एक्स्प्लोरेशन और प्रोडक्शन) और रिफाइनिंग बिजनेस कैश फ्लो जेनरेट करता रहेगा लेकिन इसके शेयरों को असली सपोर्ट न्यू ऐज बिजनेस से मिलेगा। मौजूदा भाव के हिसाब से ब्रोकरेज ने इसके खुदरा कारोबार को 1300-1400 रुपये की वैल्यू फिक्स की है जो पूरे स्टॉक प्राइस का करीब आधा है। 18,774 स्टोर्स के साथ इसका रिटेल बिजनेस अब देश के हर कोने में पहुंच सकता है। कंपनी ने बेवरेज बनाने वाली कंपनी कैंपा कोला से लेकर कपड़े की कंपनी ऐड-ए-मम्मा से लेकर ऑनलाइन फार्मेसी नेटमेड्स तक हर कैटेगरी में आक्रामक तरीके से कंपनियों का अधिग्रहण किया है। 'टीरा' के जरिए यह नायका को भी टक्कर दे रही है। केकेआर, अबू धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी और कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी जैसे निवेशकों के एक समूह ने पिछले साल 2023 में रिलायंस रिटेल में नया निवेश हासिल किया, जिससे रिलायंस के खुदरा कारोबार के जल्द आईपीओ आने की उम्मीदें बढ़ गईं।
देवेन के मुताबिक जियो और रिटेल प्लेटफॉर्म में निवेश लगभग पूरा हो चुका है। इनका बी2सी मॉडल करीब 20 फीसदी की स्पीड से बढ़ रहा है। देवेन का कहना है कि इन दोनों कंपनियों की अलग-अलग लिस्टिंग शेयरहोल्डर्स के लिए नई वैल्यू बनाएगी। निवेशकों के लिए यह अगला ट्रिगर है। जियो के लिए अगला ट्रिगर ARPU (प्रति यूजर औसत रेवेन्यू) है जो चुनाव के बाद टैरिफ बढ़ने पर उछल सकता है। नोमुरा का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 में यह 200 रुपये का लेवल पार कर सकता है।
तीन साल तक पॉजिटिव रहेगा कैश फ्लो
पिछले कुछ वर्षों से रिलायंस ने रिटेल सेगनेंट और जियो के 5जी बिजनेस में आक्रामक तरीके से कैपिटल डाला। अब इसकी रफ्तार सुस्त हो रही है। दिसंबर 2023 तिमाही में रिलायंस का कैपिटल एक्सपेंडिचर 30,102 करोड़ रुपये रहा जबकि दिसंबर 2022 तिमाही में यह आंकड़ा 38,815 करोड़ रुपये पर था। ब्रोकरेज जेपीमॉर्गन के मुताबिक टेलीकॉम में भारी-भरकम खर्च के चलते पिछले तीन साल में रिलांस का फ्री कैश फ्लो निगेटिव था लेकिन अब अगले तीन साल इसका फ्री कैश फ्लो पॉजिटिव रहने की उम्मीद है।
डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल, नेटवर्क18 ग्रुप का हिस्सा है। नेटवर्क18 का नियंत्रण इंडिपेंडेट मीडिया ट्रस्ट करता है, जिसकी एकमात्र लाभार्थी रिलायंस इंडस्ट्रीज है।
डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।