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RIL Q4 Preview : रिटेल और डिजिटल कारोबार में ग्रोथ की उम्मीद, O2C आय रह सकती है कमजोर

RIL result Preview : आठ एनालिस्टों को बीच कराए गए मनीकंट्रोल के एक सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि रिलायंस की चौथी तिमाही की आय 2.38 लाख करोड़ रुपये रह सकती है। जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह 2.37 लाख करोड़ रुपये रही थी। चौथी तिमाही में कंपनी की EBITDA 43,491.6 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 25, 2025 पर 11:55 AM
RIL Q4 Preview : रिटेल और डिजिटल कारोबार में ग्रोथ की उम्मीद, O2C आय रह सकती है कमजोर
चौथी तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 18,820 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है,जो पिछले साल के 18,951 करोड़ रुपये से थोड़ा ही कम है। दिसंबर तिमाही में कंपनी का मुनाफा 18,540 करोड़ रुपये रहा था

Reliance Industries Q4 FY25 results preview : रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड 25 अप्रैल को अपने चौथी तिमाही के नतीजे पेश करने वाली है। विश्लेषकों ने मिलेजुल प्रदर्शन का अनुमान लगाया है। कंपनी के ऑयल टू केमिकल और तेल एवं गैस सेगमेंट में नरमी की उम्मीद है। वहीं, टेलीकॉम टैरिफ में बढ़त और रिटेल कारोबार में सुधार से होने की उम्मीद है। आठ एनालिस्टों को बीच कराए गए मनीकंट्रोल के एक सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि रिलायंस की चौथी तिमाही की आय 2.38 लाख करोड़ रुपये रह सकती है। जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह 2.37 लाख करोड़ रुपये रही थी। चौथी तिमाही में कंपनी की EBITDA 43,491.6 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है, जो पिछले साल की समान अवधि में 42,516 करोड़ रुपये थी।

चौथी तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 18,820 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है,जो पिछले साल के 18,951 करोड़ रुपये से थोड़ा ही कम है। दिसंबर तिमाही में कंपनी का मुनाफा 18,540 करोड़ रुपये रहा था।

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दिसंबर तिमाही से इथेन की कीमतों में 28 फीसदी की बढ़त हुई और नेफ्था की दरें स्थिर रही हैं। इसके साथ ही पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स की कीमतों में गिरावट हुई है। इस वजह से फीडस्टॉक लागत में बढ़त हुई है। लागत में बढ़त के चलते मार्जिन में कमी आने और O2C सेगमेंट के EBITDA पर दबाव पड़ने की उम्मीद है। कमजोर ऑयल प्रोडक्ट क्रैक के चलते रिफाइनिंग मार्जिन पर भी दबाव पड़ने की संभावना है। इसके बावजूद, रूस (34 फीसदी), इराक (18 फीसदी) और वेनेजुएला (6 फीसदी) से आने वाले सस्ते कच्चे तेल की रिफाइंनिंग से ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) को सपोर्ट मिलने की उम्मीद है।

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