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Dollar Vs Rupee : रुपया 65 पैसे मजबूत होकर 86.83 पर हुआ बंद, 86.50- 87.20 रुपये के दायरे में रह सकता है USDINR स्पॉट प्राइस

Forex Market : उम्मीद है कि घरेलू बाजारों में कमजोरी और एफआईआई की निरंतर निकासी के बीच रुपया निगेटिव रुझान के साथ कारोबार करेगा। मजबूत अमेरिकी डॉलर और अमेरिकी ट्रेड शुल्कों पर अनिश्चितता भी रुपये पर दबाव डाल सकती है। हालांकि, आरबीआई द्वारा आगे कोई भी हस्तक्षेप रुपये को निचले स्तरों पर सहारा दे सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 11, 2025 पर 5:07 PM
Dollar Vs Rupee : रुपया 65 पैसे मजबूत होकर 86.83 पर हुआ बंद, 86.50- 87.20 रुपये के दायरे में रह सकता है USDINR स्पॉट प्राइस
Forex tradindg : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नई टैरिफ योजनाओं की शुरुआत के बाद से रुपया नीचे की ओर गिर रहा है। अब सबकी निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा पर टिकी हैं

Currency Check : रुपए में आज निचले स्तर से शानदार रिकवरी देखने को मिली है। रुपया निचले स्तर से करीब 60 पैसे सुधरा है। डॉलर के मुकाबले रुपया कल से अब तक करीब 1.14 रुपए सुधरा है। कारोबार के अंत में रुपया 65 पैसे मजबूत होकर 86.83 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ है। वहीं, सोमवार को रुपए का क्लोजिंग 87.48 के स्तर पर हुई थी। मिरे एसेट शेयरखान में अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप के कारण आज भारतीय रुपया लगभग 1 फीसदी उछला है, जो पिछले दो सालों की सबसे बड़ी इंट्राडे बढ़त है। सोमवार को रुपया नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि,मजबूत डॉलर ने आज तेज बढ़त को रोक दिया।

उम्मीद है कि घरेलू बाजारों में कमजोरी और एफआईआई की निरंतर निकासी के बीच रुपया निगेटिव रुझान के साथ कारोबार करेगा। मजबूत अमेरिकी डॉलर और अमेरिकी ट्रेड शुल्कों पर अनिश्चितता भी रुपये पर दबाव डाल सकती है। हालांकि, आरबीआई द्वारा आगे कोई भी हस्तक्षेप रुपये को निचले स्तरों पर सहारा दे सकता है। ट्रेडर इस हफ्ते अमेरिका और भारत के महंगाई के आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं। USDINR स्पॉट प्राइस के 86.50 रुपये से 87.20 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है।

रुपये के डॉलर के मुकाबले नये निम्नतम स्तर पर पहुंचने के बाद आरबीआई का यह भारी हस्तक्षेप लगातार दूसरे दिनदेखने को मिला है। यह हस्तक्षेप आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​की 8 फरवरी की पॉलिसी रिव्यू के दौरान की गई टिप्पणियों के मुताबिक है, जिसमें उन्होंने कहा था कि आरबीआई का घोषित उद्देश्य बाजार में कोई रुकावट पैदा किए बिना व्यवस्था और स्थिरता बनाए रखना है।

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