रॉयटर्स की तरफ से फॉरेन एक्सचेंज स्ट्रैटेजिस्ट के बीच कराए गए पोल से यह निकलकर आया है कि डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया हाल में आई रिकवरी के बावजूद अगले आने वाले 3 महीने में अपने ऐतिहासिक निचले स्तरों पर जा सकता है। इस गिरावट की वजह बढ़ता व्यापार घाटा और सेफ हेवन समझे जाने वाले यूएस डॉलर की तरफ बढ़ता दुनिया भर की करेंसियों का प्रवाह है।
करीब 1 महीने से 80.065 रुपये प्रति डॉलर के आसपास ट्रेड करने के बाद डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आई है। मंगलवार के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 78.490 के एक महीने के हाई पर पहुंचता नजर आया था। जिससे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को थोड़ी राहत मिली है।
बता दें कि पिछले कुछ समय से आरबीआई डॉलर के मुकाबले रुपये को 80 के आसपास बनाए रखने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार से बाजार में डॉलर झोंक रहा है। लेकिन रुपये में यह रिकवरी बहुत लंबे समय तक टिकने की उम्मीद नहीं है। 1 से 3 अगस्त के बीच रायटर्स द्वारा 40 एनालिस्ट के बीच कराए गए पोल से यह निकलकर आया है कि अक्टूबर के अंत तक रुपया एपने ऑल टाइम लो के करीब जा सकता है।
पोल में भाग लेने वाले 40 में से 18 यानी करीब 50 फीसदी एनालिस्ट का मानना है कि अगले 3 महीने में डॉलर के मुकाबले रुपया 80 का स्तर पार कर जाएगा जबकि इसके पहले जुलाई में हुए पोल मे सिर्फ 30 फीसदी लोगों का ऐसा मानना था।
इनमें से अधिकांश का मानना है कि अब रुपया अपने रिकॉर्ड लो पर जाता नजर आ सकता है। जब पोल में इन एनालिस्ट से पूछा गया कि अगले 3 महीने में डॉलर के मुकाबले रुपया का निम्नतम स्तर क्या हो सकता है तो 16 एनालिस्ट ने कहा कि इस अवधि में डॉलर के मुकाबले रुपया 79.75-81.80 के बीच रह सकता है। अगर इसका औसत निकाले तो 80.50 होता है। लेकिन इनका यह भी कहना है कि बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करता है कि आरबीआई ब्याज दरों पर क्या निर्णय लेता है।
रॉयटर्स द्वारा कराए गए एक दूसरे पोल का निष्कर्ष है कि शुक्रवार को आने वाले आरबीआई पॉलिसी में रेपो रेट में कम से कम 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की जा सकती है। बाजार जानकारों का यह भी कहना है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर आरबीआई का रुख अब बहुत आक्रामक नहीं होगा। जिससे रुपये पर दबाव थोड़ा कम होगा।
एचडीएफसी बैंक की Sakshi Gupta का कहना है कि ताइवान को लेकर अमेरिका और चाइना के बीच पैदा हुए तनाव ने सेफ हेवन माने जाने वाले यूएस डॉलर की चमक और बढ़ा दी है। इनका यह भी कहना है कि रुपये में हाल में आई रैली की उमर बहुत ज्यादा नहीं होगी और रुपया जल्द ही हमें 80 का लेवल तोड़ता नजर आ सकता है।
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