सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) नई ऊंचाई पर पहुंच चुके हैं, लेकिन रुपया कमजोरी के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है। इस विरोधाभास की कई वजहें हो सकती हैं, जिनमें एक वजह लिक्विडिटी डेफिसिट का 5 साल के निचले स्तर पर पहुंचना है। ऐसी स्थिति में रिजर्व बैंक (RBI) डॉलर बेचकर फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में दखल नहीं दे सकता है। इसके अलावा, ऑयल और गोल्ड के इंपोर्टर्स की तरफ से डॉलर की जबरदस्त मांग के कारण भी ट्रेड डेफिसिट बढ़ रहा है।