Indian rupee : अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने यह संकेत दिया है कि भारत को 20-25 प्रतिशत के बीच टैरिफ देना पड़ सकता है। इस खबर के बीच रुपया 30 जुलाई को कमजोर खुला,आगे भी कमजोरी जारी रही और ये चार महीने के निचले स्तर पर पहुंच जाएगा। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.12 पर खुलने के बाद,सुबह 11:30 बजे के आसपास रुपया और गिरकर 87.24 पर आ गई। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक रुपये ने आखिरी बार 13 मार्च, 2025 को खुलते ही 87 का स्तर पार किया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका भारत पर 20-25 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा, ट्रंप ने कहा, "हाँ, मुझे ऐसा लगता है। वे (भारत) मेरे दोस्त हैं और वह (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) भी मेरे दोस्त हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि ट्रेड डील को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
ट्रंप द्वारा बताई गई टैरिफ दर ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और जापान को दिए गए ऑफर से ज़्यादा है। लेकिन कुछ एशियाई देशों द्वारा अमेरिका के साथ तय की गई दर से कम है। रुपए में आज आई यह कमज़ोरी शायद निर्यात पर टैरिफ दर के संभावित असर को लेकर बनी चिंताओं के कारण आई है। हालांकि रॉयटर्स ने बताया कि शायद भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप के बाद रुपए की गिरावट को सीमित रखने में मदद मिली है।
रॉयटर्स ने एक बड़े विदेशी बैंक के फॉरेक्स सेल्स पर्सन के हवाले से मिली जानकारी के आधार पर कहा है कि निकट भविष्य में आरबीआई की तरफ से रुपए में अस्थिरता रोकने की कोशिश होने की उम्मीद है। रॉयटर्स ने कहा "उम्मीद है कि आरबीआई अस्थिरता को कम करने का काम जारी रखेगा, जबकि अनिश्चित माहौल के कारण रुपए को ऊपर उठाने के लिए किसी ठोस हस्तक्षेप की संभावना कम है।"
इस बीच ब्रेंट क्रूड के आज के शुरुआती कारोबार में पांच सप्ताह के उच्चतम स्तर 72.54 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचने से रुपए पर दबाव बढ़ गया। एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटी एंड करेंसी) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि रुपया 86.45-87.25 के बड़े दायरे में कारोबार करता दिख सकता है।