यूरो की शुरुआत 1999 में हुई थी। लेकिन, इसकी तैयारी काफी पहले शुरू हो गई थी। यूरोपीय देश आर्थिक आधार पर एक यूनियन बनाना चाहते थे। 1960 के दशक में नई करेंसी को लेकर यूरोपीय देशों ने चर्चा शुरू कर दी। करीब 40 साल बाद यूरो के रूप में यह सपना पूरा हुआ। अब ब्रिक्स देशों के बीच अपनी करेंसी की चर्चा शुरू हो गई है। सवाल है कि क्या नई करेंसी का यह सपना भी पूरा होगा? हाल में रूस में आयोजित ब्रिक्स समिट में सांकेतिक ब्रिक्स बैंकनोट पेश किया गया। इस नोट के साथ व्लादिमीर पुतिन की फोटो वायरल हुई। ब्रिक्स देशों की यह नई कॉमन करेंसी ग्लोबल ट्रेड में डॉलर की जगह ले सकती है।