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Short Call: कब आएगी ब्रिक्स देशों की अपनी करेंसी, SAMIL और Godrej Consumer क्यों सुर्खियों में हैं?

रूस में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में व्लादिमीर पुतिन की तस्वीर ब्रिक्स के नए बैंकनोट के साथ वायरल हुई थी। इससे ब्रिक्स देशों की अपनी करेंसी की चर्चा शुरू हो गई। चर्चा शुरू होने के करीब 40 बाद यूरोपीय देशों की कॉमन करेंसी यूरो वजूद में आई थी

अपडेटेड Dec 10, 2024 पर 11:42 AM
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ब्रिक्स देशों की यह नई कॉमन करेंसी ग्लोबल ट्रेड में डॉलर की जगह ले सकती है।

यूरो की शुरुआत 1999 में हुई थी। लेकिन, इसकी तैयारी काफी पहले शुरू हो गई थी। यूरोपीय देश आर्थिक आधार पर एक यूनियन बनाना चाहते थे। 1960 के दशक में नई करेंसी को लेकर यूरोपीय देशों ने चर्चा शुरू कर दी। करीब 40 साल बाद यूरो के रूप में यह सपना पूरा हुआ। अब ब्रिक्स देशों के बीच अपनी करेंसी की चर्चा शुरू हो गई है। सवाल है कि क्या नई करेंसी का यह सपना भी पूरा होगा? हाल में रूस में आयोजित ब्रिक्स समिट में सांकेतिक ब्रिक्स बैंकनोट पेश किया गया। इस नोट के साथ व्लादिमीर पुतिन की फोटो वायरल हुई। ब्रिक्स देशों की यह नई कॉमन करेंसी ग्लोबल ट्रेड में डॉलर की जगह ले सकती है।

हालांकि, ब्रिक्स (Bricks) नेताओं का मानना है कि अभी इस करेंसी के लिए सही वक्त नहीं आया है। विदेशमंत्री एस जयशंकर ने भी बताया कि अभी ब्रिक्स करेंसी (Bricks Currency) का कोई प्रस्ताव नहीं है। इससे यह साफ हो गया है कि ब्रिक्स देशों की राय इस नई करेंसी को लेकर एक जैसी नहीं है। क्या इसका मतलब है कि भविष्य में ब्रिक्स करेंसी नहीं आएगी? यूरो को वजूद में आने में चार दशक का समय लगा। इसलिए ब्रिक्स देशों की नई करेंसी आने में भी समय लग सकता है। तब तक लोकल करेंसी को मजबूत बनाने और ग्लोबल ट्रेड के लिए डॉलर की जगह दूसरा रास्ता तलाशने की कोशिश जारी रहनी चाहिए।

SAMIL

संवर्द्धन मदरसन इंटरनेशनल (SAMIL) के शेयरों में 9 दिसंबर को 2.2 फीसदी की गिरावट आई। इसकी वजह यह है कि कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने SAMIL के शेयरो को डाउनग्रेड किया है। उसने इस स्टॉक में निवेश घटाने की सलाह दी है। जापान की कंपनी Atsumitech के अधिग्रहण के बाद उसने ऐसा किया है। हालांकि, बुल्स का कहना है कि इस अधिग्रहण से SAMIL की एंट्री नए प्रोडक्ट सेगमेंट में होगी। उधर, बेयर्स का मानना है कि यूरोपीय यूनियन पैसेंजर व्हीकल (EU PV) की वॉल्यूम ग्रोथ 2024 में अब तक सिर्फ 1 फीसदी रही है। मर्सिडीज बेंज, ऑडी, बीएमडब्लू, पोर्शे की तरफ से डिमांड कमजोर है। इसका असर कंपनी के रेवेन्यू पर पड़ सकता है।


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Godrej Consumer Products

गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के शेयर 9 दिसंबर को 8.8 फीसदी गिरकर 1,126.5 रुपये पर बंद हुए। कंपनी ने दिसंबर तिमाही में ग्रोथ को लेकर कमजोर आउटलुक दिया है। इस वजह से शेयरों में गिरावट आई। बुल्स का कहना है कि छह तिमाहियों में Godrej Consumer Products का ऑर्गेनिक अंडरलाइंड वॉल्यूम ग्रोथ (UVG) करीब 7 फीसदी रही है। इसमें कैटेगरी डेवलपमेंट, इनोवेशन और मीडिया इनवेस्टमेंट्स का बड़ा हाथ है। कंपनी को कीमतों में स्थिरता आने पर आने वाले महीनों में वॉल्यूम ग्रोथ सामान्य हो जाने की उम्मीद है। उधर, बेयर्स का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से एफएमसीजी सेक्टर में डिमांड कमजोर दिख रही है। रॉ मैटेरियल की बढ़ती कीमतों का असर कंपनी के मार्जिन पर पड़ रहा है।

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