SBI Stock Price: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के शेयरों में पिछले कुछ हफ्तों में अच्छी तेजी आई है। एक महीना में यह शेयर 13.40 फीसदी चढ़ा है। शुक्रवार (22 जुलाई) को शेयर हल्की नरमी के साथ 511.90 रुपये पर बंद हुआ। एसबीआई देश का सबसे बड़ा बैंक है। यह सरकारी बैंक है।
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने एसबीआई के शेयरों को खरीदने की सलाह दी है। उसने इस शेयर के लिए 600 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। उसने कहा है कि एसबीआई लोन बुक को लगातार बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है। बैंक के दबाव वाले एसेट्स में कमी आई है। बैंक के ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस में सुधार देखने को मिला है।
मोतीलाल ओसवाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "बैंक के कुल लोन में फ्लोटिंग-रेट लोन की हिस्सेदारी 75 फीसदी है। इससे इंटरेस्ट रेट बढ़ने का फायदा बैंक को मिलेगा। हाल के महीनों में लोन की ग्रोथ में रिटेल की अच्छी हिस्सेदारी रही है। बैंक के कॉर्पोरेट लोन बुक में भी रिकवरी दिख रही है। बैंक की एसेट क्वालिटी में सुधार देखने को मिला है। इसका पीसीआर सुधार के साथ 75 फीसदी पर आ गया है।"
अभी बैंक के शेयरों में उसके 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर के करीब ट्रेडिंग हो रही है। इस साल अब तक यह शेयर 8 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है। इस दौरान सेंसेक्स में 6 फीसदी गिरावट आई है। यह शेयर 7 फरवरी, 2022 को 549.05 रुपये पर पहुंच गया था। यह इसका 52 हफ्ते का सबसे ऊंचा स्तर है। इसका प्राइस 23 अगस्त, 2001 को 401.30 रुपये था। यह इसका 52 हफ्ते का सबसे निचला स्तर था।
पिछले कुछ सालों में लोन में एसबीआई की बाजार हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। पिछले चार साल में सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी लोन मार्केट में 11.30 फीसदी घटी है, जबकि एसबीआई की हिस्सेदारी 0.90 फीसदी बढ़ी है। कुल लोन मार्केट में इसकी 23 फीसदी हिस्सेदारी है। रिटेल लोन में Xpress Credit सबसे तेजी से बढ़ता सेगमेंट है। इससे बैंक को लंबी अवधि में अच्छी ग्रोथ हासिल होने की उम्मीद है।
पिछले चार साल में डिपॉजिट्स के मामले में बैंक की बाजार हिस्सेदारी 1.7 फीसदी बढ़ी है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बैंक का CASA रेशियो 45 फीसदी पर बरकरार रहा। पिछले वित्त वर्ष के दौरान कॉस्ट ऑफ डिपॉजिट घटकर 3.8 फीसदी पर आ गया। फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में यह 5.1 फीसदी पर था। पिछले वित्त वर्ष में बैंक का कॉस्ट ऑफ डिपॉजिट घटकर 3.8 फीसदी पर आ गया। फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में यह 5.1 फीसदी था।