कंज्यूमर स्टॉक्स में शानदार तेजी का दौर जारी है। हालांकि फंड मैनेजर इसमें आगे भी तेजी के आसार नहीं देख रहे हैं क्योंकि मार्जिन रिकॉर्ड हाई के करीब पहुंच रहे हैं और कंपनियां भी निवेश बढ़ाने पर जोर नहीं दे रही हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट के डिप्टी इक्विटी चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर Anish Tawakley का मानना है कि कंज्यूमर कंपनियों की अर्निंग ग्रोथ निराश कर सकती है। अनीष का यह भी कहना है कि जब तक कंपनियां ब्रांड बिल्डिंग, मार्केटिंग, प्रोडक्ट इनोवेशन और कंज्यूमर स्पेंडिंग पर खर्च नहीं बढ़ाती हैं, वॉल्यूम यानी सेल्स में रिकवरी की संभावना नहीं है। अनीष 480 करोड़ डॉलर के फंड को मैनेज करते हैं। उनके आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फोकस्ड ब्लूचिप इक्विटी फंड ने पिछले तीन साल में अपने 94 फीसदी पियर्स से ज्यादा रिटर्न दिया है।
महामारी के बाद तेजी से चढ़े कंज्यूमर स्टॉक्स
कोरोना महामारी के बाद जब मार्केट खुलने लगे तो दुनिया भर के कंज्यूमर शेयर चढ़ने लगे। भारत में कंज्यूमर स्टॉक्स में शानदार तेजी रही। पिछले साल की दूसरी छमाही में इनमें जमकर निवेश हुआ। हालांकि फिर ऊंची महंगाई के चलते खपत पर असर पड़ा। देश के कंज्यूमर गुड्स कंपनियों का इंडेक्स पिछले साल 2022 में 17 फीसदी चढ़ा था। इस महीने की शुरुआत में यह ऊंचे लेवल पर था और उस लेवल से अब तक यह करीब तीन फीसदी टूट चुका है।
अब किस सेक्टर में तेजी की गुंजाइश
हालिया तिमाहियों में आईटीसी और हिंदुस्तान यूनीलीवर के प्रॉफिट मार्जिन में तेज उछाल रही। इसके चलते कुछ एनालिस्ट्स ने यह सवाल उठाया कि अब भी इसमें तेजी की गुंजाइश है या नहीं। रूरल सेग्मेंट में इन कंपनियों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। पिछले हफ्ते गोल्डमैन सैक्स ग्रुप ने एक नोट में कहा था कि महंगाई के चलते क्विक सर्विस रेस्टोरेंट्स, फूड डिलीवरी, पेंट्स और ड्यूरेबल गुड्स में मिडिल क्लास का खर्च कम हो सकता है। अनीष ने इन सब वजहों से कुछ फंड्स के पैसों का मेटल और एनबीएफसी में एलोकेशन घटा दिया है और हाउसिंग और कंस्ट्रक्शन से जुड़े सेक्टर्स पर जोर दे रहे हैं।