इंडसइंड बैंक के पूर्व MD-CEO समेत 5 पर इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप, SEBI ने ट्रेडिंग से किया बैन

इंडसइंड बैंक के पूर्व MD-CEO समेत 5 लोगों पर इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप लगा है। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने उन्हें शेयर बाजार में किसी भी तरह की ट्रेडिंग से बैन कर दिया है। जानिए पूरी डिटेल।

अपडेटेड May 28, 2025 पर 8:10 PM
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इनसाइडर ट्रेडिंग के अलावा डिस्क्लोजर उल्लंघन और अन्य संभावित गड़बड़ियों की विस्तृत जांच जारी है।

कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने इंडसइंड बैंक के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ सुमंत कठपालिया, पूर्व डिप्टी सीईओ अरुण खुराना और तीन अन्य व्यक्तियों को इनसाइडर ट्रेडिंग के गंभीर आरोपों के चलते बाजार में किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग गतिविधियों से तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है। उनके बैंक अकाउंट भी फ्रीज कर दिया गया है।

SEBI के अंतरिम आदेश के मुताबिक, इन पांचों लोगों ने कथित तौर पर ऐसी स्थिति में ट्रेडिंग की, जब उनके पास अन-पब्लिश्ड प्राइस सेंसिटिव इंफॉर्मेशन (Unpublished Price Sensitive Information - UPSI) थी। अन्य आरोपियों में सुशांत सौरव, रोहन जथन्ना और अनिल मार्को राव शामिल हैं।

इनसाइडर ट्रेडिंग किस तरह हुई?


पिछले दिनों इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव अकाउंटिंग में गड़बड़ी हुई थी। इसका बैंक की कुल संपत्ति पर 2.35% तक प्रभाव पड़ा है। सेबी के मुताबिक, आरोपियों ने इन जानकारी के सार्वजनिक होने से पहले ही अपने शेयर बेच दिए।

डेरिवेटिव अकाउंटिंग वाली गड़बड़ी सामने आने पर इंडसइंड बैंक के शेयर एक ही दिन में 28% तक क्रैश कर दिए। वहीं, आरोपी कथित तौर पर पहले ही अपने शेयर बेचने के चलते भारी नुकसान से बच गए।

सेबी ने ₹19.7 करोड़ जब्त किए 

सेबी ने इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में कुल ₹19.7 करोड़ जब्त किए हैं। इसमें अरुण खुराना के खाते से ₹14.4 करोड़ और सुमंत कठपालिया के खाते से ₹5.2 करोड़ शामिल हैं। सेबी ने इन व्यक्तियों को नियामक मंजूरी के बिना अपने बैंक खातों से कोई भी जमा या निकासी करने से प्रतिबंधित कर दिया है।

21 दिन में जवाब देने का मौका

सेबी के होल-टाइम मेंबर कमलेश चंद्र वार्ष्णेय के हस्ताक्षर वाले आदेश में कहा गया है, "सभी नोटिसी (क्रमांक 1 से 5) को अगले आदेश तक किसी भी रूप में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सिक्योरिटीज में लेन-देन करने से रोका जाता है।"

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी आरोपी आदेश मिलने के 21 दिनों के भीतर अपना लिखित उत्तर या आपत्ति पेश कर सकते हैं। अगर वे चाहें, तो व्यक्तिगत सुनवाई का अनुरोध भी कर सकते हैं।

जांच के दायरे में अन्य नाम भी

SEBI ने यह भी संकेत दिया है कि इनसाइडर ट्रेडिंग के अलावा डिस्क्लोजर उल्लंघन और अन्य संभावित गड़बड़ियों की विस्तृत जांच जारी है, जिसमें अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी समीक्षा की जा रही है। आदेश के मुताबिक, "यह जांच प्राथमिक स्तर पर है और व्यापक विश्लेषण के बाद अंतिम आदेश पारित किया जाएगा।"

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: May 28, 2025 7:42 PM

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