NSE IPO के बारे में सेबी चेयरमैन का बड़ा बयान, तो क्या सबसे बड़े एक्सचेंज का आईपीओ जल्द आने वाला है?

NSE के आईपीओ का इंतजार लोग काफी समय से कर रहे हैं। यह इंडिया का सबसे बड़ा एक्सचेंज है। प्रतिद्वंद्वी एक्सचेंज BSE स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो चुकी है। बीएसई के शेयरों के जबर्दस्त रिटर्न के बाद इनवेस्टर्स NSE के आईपीओ में निवेश का मौका चूकना नही चाहते हैं

अपडेटेड Jun 21, 2025 पर 10:04 AM
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SEBI का मार्केट रेगुलेशन डिपार्टमेंट पहले को-लोकेशन मामले में 'No Objection Certificate' इश्यू करेगा। उसके बाद ही NSE आईपीओ के लिए सेबी के पास अप्लिकेशन भेजेगा।

एनएसई के आईपीओ का इंतजार कर रहे लोगों के लिए बड़ी खबर है। सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने कहा है कि इस आईपीओ में ज्यादा समय नहीं लगेगा। मुंबई में एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि मैं पहले भी कह चूका हूं कि एनएसई के आईपीओ के रास्ते में कोई बाधा नहीं आएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एनएसई के आईपीओ से पहले क्लियरिंग कॉर्पोरेशंस का डीमर्जर कोई मसला नहीं है।

क्लियरिंग कॉर्पोरेशंस का डीमर्जर बड़ा मसला नहीं

SEBI के चेयरमैन ने कहा, "आईपीओ के प्रोसेस के लिहाज से यह मसला (क्लियरिंग कॉर्पोरेशंस का डीमर्जर) सच में कोई बाधा नहीं है।" उन्होंने कहा कि क्लियरिंग कॉर्पोरेशंस के डीमर्जर से जुड़े कंसल्टेशन पेपर से रेगुलेटर की सोच के बारे में पता चलता है और यह कोई फाइनल पॉलिसी डिसिजन नहीं है। NSE के बारे में उन्होंने यह भी कहा, "मेरा मानना है कि वे लोग (एनएसई) उन सभी मामलों को देख रहे हैं, जो उनके सामने हैं।"


को-लोकेशन केस भी सेटलमेंट के करीब

पांडेय ने कहा, "कुछ लीगल सेटलमेंट और कुछ दूसरी चीजें हैं और कुछ पैसे चुकाने होंगे। और मामले (Case) को वापस लेने सहित कुछ कदम उठाने होंगे।" मनीकंट्रोल ने खबर दी थी कि तथाकथित को-लोकेशन केस के सेटलमेंट के लिए NSE और SEBI की बातचीत अंतिम चरण में हैं। दरअसल, एनएसई के आईपीओ के लिहाज से को-लोकेशन का मामला एक बड़ा मसला रहा है। यह मामला काफी समय से लंबित है। हालांकि, इसके निपटारे की कोशिशें जारी हैं। SEBI का मार्केट रेगुलेशन डिपार्टमेंट पहले को-लोकेशन मामले में 'No Objection Certificate' इश्यू करेगा। उसके बाद ही NSE आईपीओ के लिए सेबी के पास अप्लिकेशन भेजेगा।

को-लोकेशन केस क्या है?

को-लोकेशन केस में यह आरोप है कि कुछ ब्रोकर्स ने फास्ट डेटा एक्सेस के लिए अपने सर्वर्स एक्सचेंजों के सर्वर्स के करीब रखे जिससे वे दूसरे ब्रोकर्स के मुकाबले फायदे में रहे। यह गैरकानूनी है। मामला सामने आने के बाद इसकी जांच हुई। सूत्रों का कहना है कि यह मामला अब सेटलमेंट के करीब पहुंच गया है। इसके लिए सेबी और एनएसई की बातचीत अंतिम चरण में है। माना जा रहा है कि इस मामले का सेटलमेंट होते ही एनएसई के आईपीओ के लिए रास्ता खुल जाएगा।

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NSE कई बार लेटर लिख चुका है

NSE ने 28 मार्च को सेबी को एक लेटर लिखा था। इसमें सभी लंबित मामलों के सेटलमेंट की इच्छा जताई गई थी। NSE का गवर्निंग बोर्ड पहले ही बातचीत से सभी लंबित मसलों के सेटलमेंट के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुका है। NSE ने सेबी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट मांगा है। NSE ने 27 अगस्त, 2023 को भी सेबी को एक लेटर लिखा था, जिसमें सभी लंबित मामलों के कंसॉलिडेटेड सेटलमेंट के लिए अनुरोध किया गया था। इनमें दूसरे लीगल फोरम पर चल रहे मामले भी शामिल थे।

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