सेबी ने फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (एफपीआई) के ओवरसीज डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स (ओडीआई) इश्यू करने पर रोक नहीं लगाई है। मार्केट रेगुलेटर ने कहा है कि वह किसी ऐसी खबर का खंडन करता है। उसने कहा है कि एफपीआई के ओडीआई इश्यू करने पर रोक की खबर गलत है। सेबी ने स्पष्ट किया है कि उसने एफपीआई को सिर्फ ऐसे ओडीआई इश्यू करने से रोका है जिसके अंडरलाइंग में डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स हैं।
अभी अंडरलाइंग डेरिवेटिव्स इंस्ट्रूमेंट्स वाले कोई ODI नहीं
SEBI ने कहा है, "यह स्पष्ट किया जाता है कि FPI के ऐसे ODI इश्यू करने पर रोक लगाई गई है जिसके अंडरलाइंग में डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स हैं। अभी अंडरलाइंग डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स वाले कोई ओडीआई नहीं हैं।" मार्केट रेगुलेटर ने कहा है कि कैश मार्केट सिक्योरिटीज वाले ODI इश्यू किए जा सकते हैं। सेबी ने इस बारे में 17 दिसंबर को एक सर्कुलर जारी किया।
सेबी ने ओडीआई पर रोक वाली खबर को गलत बताया
सेबी के सर्कुलर में कहा गया कि FPI ऐसे ओडीआई इश्यू नहीं कर सकते हैं जिसके रेफरेंस/अंडरलाइंग डेरिवेटिव्स होंगे। सर्कुलर में यह भी बताया गया कि FPI डेरिवेटिव पोजिशंस के साथ अपने ODI इंडिया में स्टॉक एक्सचेंजों में हेज नहीं कर सकते। मार्केट रेगुलेर ने 18 दिसंबर को बताया कि मीडिया के एक वर्ग में एक खबर आई है, जिसमें कहा गया है कि SEBI ने FPI के ओवरसीज डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स (ODI) इश्यू करने पर रोक लगाई है। यह खबर गलत है।
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बगैर प्रॉपरायटरी इनवेस्टमेंट के ओडीआई जारी हो सकते हैं
सेबी के सर्कुलर में यह भी बताया गया है कि FPI अब ODI बगैर प्रॉपरायटरी इनवेस्टमेंट के सिर्फ एक अलग और डेडिकेटेड एफपीआई रजिस्ट्रेशन के जरिए इश्यू कर सकते हैं। यह रजिस्ट्रेशन एक ही पैन के तहत होना चाहिए , जिसमें एफपीआई नाम में शुरू में 'ODI' लगा होना चाहिए। हालांकि, यह नियम उस ODI के लिए नहीं है जिसके अंडरलाइंग एसेट में गवर्नमेंट सिक्योरिटी है।