कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI कुछ नए इंडस्ट्री स्टैंडर्ड लेकर आया है। ये स्टैंडर्ड रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शंस (RPT) के लिए मंजूरी हासिल करते वक्त लिस्टेड एंटिटीज की ओर से ऑडिट कमेटी और शेयरहोल्डर्स को दी जाने जाने वाली मिनिमम जानकारी के लिए हैं। 3 उद्योग संघों- एसोचैम, CII और FICCI के रिप्रेजेंटेटिव्स वाले इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स फोरम (ISF) ने SEBI के परामर्श से ये स्टैंडर्ड तैयार किए हैं।
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने एक सर्कुलर में कहा कि उद्योग संघ और स्टॉक एक्सचेंज एक यूनिफॉर्म अप्रोच के लिए और लिस्टेड एंटिटीज को जरूरी बातों का अनुपालन करने में मदद करने के लिए इन स्टैंडर्ड्स को अपनी वेबसाइट्स पर पब्लिश करेंगे। नए डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे। SEBI के LODR (लिस्टिंग ऑब्लिगेशंस एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स) नियमों के तहत रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शंस को ऑडिट कमेटी और शेयरहोल्डर्स से भी अप्रूवल की जरूरत होती है, अगर ये महत्वपूर्ण हों तो।
स्टॉक एक्सचेंजों को सर्कुलर का कंटेंट लिस्टेड एंटिटीज के ध्यान में लाने का निर्देश
संशोधनों के अनुसार, SEBI ने कहा कि लिस्टेड एंटिटीज के लिए RPT के रिव्यू और अप्रूवल के लिए कोई भी प्रस्ताव रखते समय इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स में मेंशन जानकारी ऑडिट कमेटी को देना जरूरी है। इसी तरह किसी भी RPT के लिए मंजूरी प्राप्त करने के लिए शेयरहोल्डर्स को भेजे गए नोटिस के साथ एक्सप्लेनेटरी स्टेटमेंट में कंपनीज एक्ट, 2013 के तहत रिक्वायरमेंट्स के अलावा दूसरी जानकारी भी शामिल होगी। SEBI ने स्टॉक एक्सचेंजों को कंप्लायंस सुनिश्चित करने के लिए इस सर्कुलर के कंटेंट को लिस्टेड एंटिटीज के ध्यान में लाने का निर्देश दिया है।
डेडिकेटेड RPT पोर्टल लॉन्च
SEBI ने कॉरपोरेट लेनदेन में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक डेडिकेटेड RPT पोर्टल भी लॉन्च किया है। SEBI के होल टाइम मेंबर अश्विनी भाटिया ने कहा, "यह पोर्टल RPT पर महत्वपूर्ण गवर्नेंस डेटा तक निवेशकों की पहुंच को सरल करेगा। यह सुनिश्चित करेगा कि RPT में पारदर्शिता अब केवल संस्थागत निवेशकों तक सीमित विशेषाधिकार नहीं है, बल्कि सभी के लिए सुलभ अधिकार है।"