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सेबी जेन स्ट्रीट के खिलाफ आपराधिक मुकदमा शुरू कर सकता है, हो सकती है 10 साल तक की जेल

SEBI के पास सेबी एक्ट के तहत किसी कंपनी या इंडिविजुअल के खिलाफ आपराधिक केस करने का अधिकार है। लेकिन, अब तक रेगुलेटर ने सिर्फ कुछ ही गंभीर मामलों में अपने इस अधिकार का इस्तेमाल किया है। यह साबित हो जाता है कि अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म ने मार्केट में मैनिपुलेशन किया तो उसके खिलाफ आपराधिक केस शुरू हो सकता है

अपडेटेड Jul 08, 2025 पर 6:25 PM
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अमेरिका में भी SEC और DoJ के तहत मार्केट मैनिपुलेशन को बहुत गंभीर मामला माना जाता है।

जेन स्ट्रीट ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ आपराधिक मामला बन सकता है। दरअसल, जेन स्ट्रीट ग्रुप ने अपनी सब्सिडियरी कंपनियों के साथ मिलकर इंडियन मार्केट में जिस ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल किया, उससे उसे तो फायदा हुआ, लेकिन कई दूसरे ट्रेडर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ा। अब ऐसे कुछ ट्रेडर्स का मानना है कि जेन स्ट्रीट के खिलाफ आपराधिक मुकदमा होना चाहिए। कानून के जानकारों का कहना है कि सेबी के पास इसका अधिकार है। हालांकि, सेबी ने इस अधिकार का ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया है।

सेबी के पास आपराधिक केस करने का पूरा अधिकार

SEBI के पास सेबी एक्ट के तहत किसी कंपनी या इंडिविजुअल के खिलाफ आपराधिक केस करने का अधिकार है। लेकिन, अब तक रेगुलेटर ने सिर्फ कुछ ही गंभीर मामलों में अपने इस अधिकार का इस्तेमाल किया है। केएस लीगल एंड एसोसिएट्स की मैनेजिंग पार्टनर सोनम चांदवानी ने कहा, "सेबी एक्ट, 1992 के सेक्शन 24 के तहत किसी व्यक्ति या एनटिटी के खिलाफ सेबी क्रिमिनल प्रॉसक्यूशन शुरू कर सकता है।"


25 लाख या 10 साल की जेल या दोनों सजा हो सकती है

उन्होंने कहा कि जेन स्ट्रीट के मामले में अगर यह साबित हो जाता है कि अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म ने मार्केट में मैनिपुलेशन किया तो उसके खिलाफ आपराधिक केस शुरू हो सकता है। दोष साबित होने पर जेन स्ट्रीट को 10 साल की सजा या 25 लाख रुपये तक जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी स्थिति बनती है जिसमें यह तय हो जाता है कि जेन स्ट्रीट ने जानबूझकर इंडियन सिक्योरिटीज मार्केट में मैनिपुलेटिव प्रैक्टिसेज का इस्तेमाल किया तो सेबी के पास आपराधिक केस करने का पूरा अधिकार है।

दो साल तक जेन स्ट्रीट मैनिपुलेटिव प्रैक्टिसेज इस्तेमाल करती रही

एक दूसरे लीगल एक्सपर्ट ने कहा कि मार्केट मैनिपुलेशन का मामला काफी गंभीर है। ऐसे मामलों में सेबी को सेक्शन 24 के तहत कार्रवाई करने का अधिकार हासिल है। सेबी इस अधिकार का इस्तेमाल कर न सिर्फ जुर्माना लगा सकता है बल्कि कोर्ट में क्रिमिनल प्रॉसक्यूशन का मामला शुरू कर सकता है। हेज फंड मैनेजर और जेन स्ट्रीट के कथित मैनिपुलेटिव ट्रेड के बारे में खुलासा करने वाले मयंक बंसल ने कहा कि इंडियन मार्केट में दो साल के लंबे समय तक मैनिपुलेटिव प्रैक्टिसेज के इस्तमाल के इस मामले में सेबी अपने मैक्सिमम अधिकार का इस्तेमाल कर सकता है।

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अमेरिका में भी मैनिपुलेशन को गंभीर अपराध माना जाता है

उन्होंने कहा कि अमेरिका में भी SEC और DoJ के तहत मार्केट मैनिपुलेशन को बहुत गंभीर मामला माना जाता है। इस तरह के अपराध के लिए कई बड़े ट्रेडर्स को जेल तक जाना पड़ा है। लेकिन, सेबी आपराधिक केस शुरू करने के अपने अधिकार का बहुत कम इस्तेमाल करता है। कॉर्पोरेट प्रोफेशनल्स के एसोसिएट पार्टनर रवि प्रकाश ने कहा कि जब तक मामला बहुत गंभीर न हो, सेबी क्रिमिनल प्रॉसक्यूशन शुरू करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं करता है।

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