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Jane Street के खिलाफ सेबी की जांच से ग्लोबल ट्रेडिंग फर्मों में हड़कंप

इंडिया में ऑपरेट करने वाली एचएफटी फर्मों में Citadel Securities, IMC Financial Markets and Jump Trading जैसी फर्में शामिल हैं। ये सभी एक जैसे डुअल-एंटिटी मॉडल का इस्तेमाल करती हैं। जेन स्ट्रीट के खिलाफ जो आरोप लगे हैं, उनमें जेन स्ट्रीट पर अपनी सब्सिडियरी कंपनियों का इस्तेमाल करने का आरोप शामिल है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 07, 2025 पर 6:42 PM
Jane Street के खिलाफ सेबी की जांच से ग्लोबल ट्रेडिंग फर्मों में हड़कंप
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जेन स्ट्रीट मामले के बाद दूसरी ग्लोबल एचएफटी कंपनियों को अपने एल्गोरिद्म में बदलाव करने पड़ सकते हैं।

जेन स्ट्रीट के खिलाफ सेबी की जांच से इंडिया में ऑपरेट करने वाली ग्लोबल हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (एचएफटी) फर्मों में हड़कंप मच गया है। सेबी ने 3 जुलाई को अपने अंतरिम आदेश में जेन स्ट्रीट पर बैन लगा दिया। जेन स्ट्रीट ग्रुप की कंपनियां इंडियन स्टॉक मार्केट में किसी तरह की ट्रेडिंग नहीं कर सकेंगी। इंडिया में कई ग्लोबल एचएफटी फर्में ऑपरेट करती हैं। ये कंपनियां कैपिटल के ट्रांसफर के लिए कॉम्प्लेक्स स्ट्रक्चर का इस्तेमाल करती हैं।

कई ग्लोबल कंपनियां इंडिया में ऑपरेट करती हैं

इंडिया में ऑपरेट करने वाली एचएफटी फर्मों में Citadel Securities, IMC Financial Markets and Jump Trading जैसी फर्में शामिल हैं। ये सभी एक जैसे डुअल-एंटिटी मॉडल का इस्तेमाल करती हैं। ये फर्में सिंगापुर और हांगकांग जैसे कम टैक्स वाले ज्यूरिडिक्शंस में रजिस्टर्ड एफपीआई स्ट्रक्चर के जरिए कैपिटल ट्रांसफर कराती हैं। यह पैसा इंडिया में रजिस्टर्ड फर्म के ट्रेडिंग डेस्क को ट्रांसफर किया जाता है।

जेन स्ट्रीट ने सब्सिडियरी फर्म का किया  इस्तेमाल

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