क्या पिछले साल अंत से मार्केट में जारी गिरावट के चलते आपको काफी लॉस हुआ है? अगर हां तो आप नुकसान उठाने वाले आप अकेले व्यक्ति नहीं हैं। पिछले साल जुलाई की शुरुआत से देखें तो बीते एक साल में शेयर मार्केट ने रिटर्न नहीं दिया है। इस दौरान शेयरों में पैसे लगाने वाले कई लोग लॉस में हैं। इनवेस्टर्स के हित में सेबी (SEBI) एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। वह खुत बताएगा कि मार्केट में आगे गिरावट आ सकती है तेजी। हालांकि, यह सही-सही बताना सेबी सहित किसी के लिए मुमकिन नहीं है। लेकिन, मार्केट से जुड़े डेटा के आधार पर उसकी दिशा का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सेबी मार्केट ट्रेंड्स पर रेगुलर 'रिस्क फैक्टर डिसक्लोजर' (Risk Factors Disclosures) जारी करने का प्लान बना रहा है। इसमें मार्केट के चढ़ने और गिरने का अनुमान भी शामिल होगा। इस मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इससे इनवेस्टर्स को इनवेस्टमेंट के बारे में सही फैसले लेन में मदद मिलेगी। अभी यह पहल शुरुआती अवस्था में है। इस बारे में बातचीत चल रही है।
दरअसल, सेबी निवेशकों को 'भेड़ चाल' (Herd Mentality) वाली मानसिकता से बचाना चाहता है। पिछले दो साल में कई बार इनवेस्टर्स में यह मानसिकता देखने को मिली है। 2020 की शुरुआत में जब कोरोना की महामारी दुनिया में शुरू हुई तो दुनिया भर में बिकवाली शुरू हो गई। फिर, कुछ ही महीने बाद इनवेस्टर्स ने ताबड़तोड़ शेयरों को खरीदना शुरू कर दिया। उन्होंने शेयरों से जुड़ी बुनियादी बातों का पता लगाने की भी जरूरत नहीं समझी। उनका फोकस फटाफट मुनाफा कमाने पर था। फिर, शेयरों में बड़ी गिरावट शुरू हो गई।
एक सीनियर अफसर ने बताया, "हालांकि, इनवेस्टर्स हर सिंगल साइकिल में फिक्स्ड पैटर्न देख चुके है, फिर भी जब मार्केट चढ़ता है वे शेयर खरीदना शुरू कर देते हैं और जब गिरावट आती है तो घबराहट में बेचने लगते हैं। इस दौरान शेयरों में निवेश के बुनियादी सिद्धांतों को ताक पर रख दिया जाता है। मार्केट के बारे में निष्पक्ष अनुमान का अभाव इसकी एक बड़ी वजह य है।"
उन्होंने बताया कि अभी बाजार में कई तरह की रिसर्च रिपोर्ट उपलब्ध हैं। इन्हें मार्केट से जुड़े लोग (Market Participants) तैयार करते हैं। रिपोर्ट तैयार करते वक्त उनके दिमाग में उनके अपने कारोबारी हित होते हैं। ऐसे में अगर सेबी खुद इस तरह की रिपोर्ट तैयार करे तो इससे इनवेस्टर्स को बहुत फायदा हो सकता है। उन्हें मार्केट में आने वाली तेजी और गिरावट के बारे में संकेत मिल जाएंगे।
अगर सेबी की यह योजना परवान चढ़ती है तो यह दुनिया में ऐसा करने वाला पहला मार्केट रेगुलेटर होगा। सेबी के पास कई तरह की जानकारियां होती है। उसका डेटाबेस बहुत बड़ा है। इमें बिग डाटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी टेक्नोलॉजीज का बड़ हाथ है। अगर इनका इस्तेमाल किया जाए तो बाजार के बारे में काफी सटीक अनुमान लगाया जा सकता है।