Sensex at 60000: अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से सिर्फ 2000 अंक दूर, निवेशकों को क्या करना चाहिए?

स्टॉक मार्केट में तेजी की कई वजहे हैं। जुलाई में लगातार तीसरे महीने रिटेल इनफ्लेशन में गिरावट आई है। यह इकोनॉमी और कंपनियों के लिए अच्छी खबर है। रिटेल इनफ्लेशन में कमी से यह उम्मीद बंधी है कि RBI का इंटरेस्ट रेट बढ़ाने का सिलसिला रुक सकता है

अपडेटेड Aug 17, 2022 पर 1:43 PM
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Sensex पिछले साल अक्टूबर में 62,245 अंक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। उसके बाद से उसमें गिरावट शुरू हो गई थी।

शेयर बाजार (Stock Markets) में फिर से रौनक लौट आई है। 17 अगस्त (बुधवार) को बीएसई Sensex 60,000 अंक के मनोवैज्ञानिक लेवल को पार कर गया। 1:09 बजे यह 0.65 फीसदी यानी 382 अंक के उछाल के साथ 60,225 अंक पर था। पिछले कुछ हफ्तों में बाजार में लगातार तेजी की वजह से सेंसेक्स ने फिर से 60,000 अंक का लेवल हासिल कर लिया है। यह पिछले कुछ महीनों में बाजार में आई गिरावट के बाद निवेशकों के लिए जश्न मनाने का मौका है।

अब बीएसई सेंसेक्स अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से महज 2000 अंक दूर है। पिछले साल अक्टूबर में वह 62,245 अंक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। उसके बाद से उसमें गिरावट शुरू हो गई थी। फरवरी में यूक्रेन पर रूस के हमले शुरू होने के बाद दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट आई थी। जून में इंडियन मार्केट इस साल के अपने लो लेवल पर पहुंच गया था।

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एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडियन स्टॉक मार्केट में तेजी की कई वजहे हैं। जुलाई में लगातार तीसरे महीने रिटेल इनफ्लेशन में गिरावट आई है। यह इकोनॉमी और कंपनियों के लिए अच्छी खबर है। रिटेल इनफ्लेशन में कमी से यह उम्मीद बंधी है कि RBI का इंटरेस्ट रेट बढ़ाने का सिलसिला रुक सकता है। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़ा दिया था।

उधर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में आई नरमी का भी स्टॉक मार्केट पर अच्छा असर पड़ा है। ब्रेट क्रूड का भाव घटकर 90 डॉलर प्रति बैरल तक आ गया है। जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में इसमें और गिरावट दिख सकती है। यह इंडिया के लिए अच्छी खबर है। इसकी वजह यह है कि इंडिया ऑयल की अपनी 85 फीसदी जरूरत इंपोर्ट से पूरा करता है। महंगे पेट्रोल और डीजल का असर आम लोगों से लेकर सरकार तक पर पड़ता है।

जानकारों का कहना है कि सेंसेक्स का फिर से 60,000 अंक का स्तर हासिल कर लेना इनवेस्टर्स के लिए बहुत अच्छी खबर है। इससे पता चलता है कि इंडियन इकोनॉमी को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। इनवेस्टर्स इंडिया की ग्रोथ स्टोरी पर भरोसा कर सकते हैं। पिछले कुछ हफ्तों में विदेशी निवेशकों के रुख में भी बदलाव आया है। उन्होंने फिर से इंडियन मार्केट में इनवेस्ट करना शुरू कर दिया है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को शेयरों में अपना निवेश बनाए रखने की जरूरत है। वे बाजार में आने वाली हर गिरावट पर खरीदारी कर सकते हैं। इसकी वजह यह है कि इंडियन इकोनॉमी के रास्ते की मुश्किलें धीरे-धीरे खत्म होती दिख रही हैं। अगर अचानक कोई बड़ी घटना नहीं होती है तो शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला जारी रहने का अनुमान है।

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