जेफरीज (Jefferies) के ग्लोबल हेड इक्विटी स्ट्रेटजी क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) का कहना है कि भारत का अहम इक्विटी इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स 2026 के अंत तक 100,000 तक का स्तर छू सकता है। Christopher Wood ने कहा कि “The GREED & fear newsletter"इस हफ्ते यह कहना चाहता है कि अगले पांच साल में सेंसेक्स 100,000 का स्तर छू सकता है।
हमारा यह मानना है कि अगले 5 साल में EPS में 15 फीसदी की ग्रोथ और 5 साल का औसत एवरेज मल्टीपल 19.4 के लेवल पर रहेगा। वर्तमान में सेंसेक्स 58,669 पर नजर आ रहा है। हमारा मानना है कि अगले 5 साल में यह 70 फीसदी की बढ़त दिखा सकता है। दूसरे शब्दों में इसमें सालाना आधार पर 11 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
Christopher Wood भारत के हाउसिंग मार्केट में 7 साल बाद आए अपट्रेन्ड को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। उनका मानना है कि इसके चलते प्राइवेट कैपिटल एक्सपेन्डीचर में बड़े आधार वाली रिकवरी देखने को मिलेगी। जिसके चलते आगे कंपनियों के अर्निंग में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी और बढ़ते ब्याज दरों के दौर में भी स्टॉक मार्केट मजबूती दिखाने में भी कामयाब रहेगा।
जेफरीज (Jefferies) के ग्लोबल हेड इक्विटी स्ट्रेटजी क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) का कहना है कि भारत का अहम इक्विटी इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स 2026 के अंत तक 100,000 तक का स्तर छू सकता है
आम अनुमान यह है कि MSCI इंडिया इंडेक्स में शामिल कंपनियों की आय में 2022-23 में 20 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ देखने को मिलेगी जो एशिया की तीसरी सबसे तेज दर होगी।
Christopher Wood ने इस बात की और संकेत किया कि यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी और ग्लोबल क्रूड ऑयल प्राइस में बढ़ोतरी 2 बड़े जोखिम है। हालांकि वह भारतीय इक्विटी बाजारों पर यूएस फेड की मौद्रिक नीतियों को लेकर बहुत चितिंत नहीं है लेकिन उनका मानना है कि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त निश्चित तौर पर भारतीय इकोनॉमी को झटका देगी।
उनका यह भी कहना है कि अक्टूबर के रिकॉर्ड हाई से करीब 5 फीसदी टूटने के बाद भारतीय स्टॉक मार्केट में किसी और बड़ी गिरावट का जोखिम नहीं है। भारतीय बाजार में हाल में आई गिरावट निवेशकों को अच्छे शेयरों में खरीद का मौका दे रही है। Christopher Wood का यह भी कहना है कि भारत में हाउसिंग सेक्टर में आई वर्तमान तेजी अगर इकोनॉमी में प्राइवेट कैपेक्स साइकिल में तेजी लाने में कामयाब रहती है , जैसी की 2002-03 में हुआ था, तो भारत एक बार फिर एशिया का सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला स्टॉक मार्केट बन जाएगा। ऐसा ही 2003-2007 में देखने को मिला था।