एशियाई बाजारों और गिफ्ट निफ्टी से मिल रहे सकारात्मक संकेतों को देखते हुए 8 अप्रैल को निफ्टी और सेंसेक्स में भी तेजी के साथ शुरुआत हुई है। दुनियाभर के निवेशक ग्लोबल बिकवाली के बाद अब सस्ते में मिल रहे अच्छे शेयरों की तलाश कर रहे हैं। फिलहाल गिफ्टी निफ्टी 1.5 फीसदी की तेजी के साथ 22,652 के आसपास नजर आ रहा है। जापान के निक्केई में आज 6 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल रही है। हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स और दक्षिण कोरिया के कोस्पी में भी तेज बढ़त के साथ कारोबार हो रहा है। दूसरी तरफ,ताइवान का बेंचमार्क इंडेक्स लाल निशान में दिख रहा है।
वॉल स्ट्रीट के तीनों इंडेक्सों में 7 अप्रैल के सत्र में गिरावट देखने को मिली। डॉव जोन्स में 0.91 फीसदी की गिरावट आई और एसएंडपी 500 में 0.23 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि नैस्डैक कंपोजिट में 0.1 प्रतिशत की बढ़त के साथ सपाट बंद हुआ था।
पिछले तीन कारोबारी सत्रों में आई गिरावट के बाद, अमेरिकी वायदा बाजार में तेजी देखने को मिल रही है। डाओ जोन्स फ्यूचर्स में 1.5 प्रतिशत की तेजी देखने को मिल रहा है और यह 750 अंक ऊपर कारोबार कर रहा है। नैस्डैक और एसएंडपी 500 फ्यूचर्स में 1.6 प्रतिशत की तेजी देखने को मिल रही है।
टैरिफ की समस्या दुनियाभर के बाजारों को परेशान कर रही है। ऐसे में मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना कि कम टैरिफ और अमेरिकी में होने वाले एक्सपोर्ट पर कम निर्भरता होने के कारण भारतीय बाजार दूसरे एशियाई बाजारों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं।
भले ही इस सत्र के दौरान बाजार में उछाल आए, लेकिन विश्लेषकों का यह भी मानना है कि ग्लोबल ट्रेड टेंशन और अमेरिकी टैरिफ के मोर्चे पर होने वाली घटनाओं पर बाजार की नजर रहेगी और बाजार में उठापटक जारी रहेगी।
पिछले कारोबारी सत्र में बाजार काफी गिरावट के साथ खुला था, लेकिन गिरावट के बाद निचले स्तरों से इंट्राडे रिकवरी आई थी। हालांकि, बाजार का शॉर्ट टर्म स्ट्रक्चर अभी भी कमजोर बना हुआ है।
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान का मानना है कि इस समय बाजार का माहौल बेहद अस्थिर और अनिश्चित है। ऐसे में शॉर्ट टर्म में ट्रेडर सतर्क रुख अपनाना पसंद कर सकते हैं। शार्ट टर्म के नजरिए से निफ्टी के लिए 22,000 का स्तर काफी अहम साबित होगा। यदि बाजार इस स्तर से ऊपर कारोबार करने में सफल होता है, तो पुलबैक फॉर्मेशन 22,500-22,600 तक जारी रह सकता है। दूसरी ओर, 22,000 के स्तर से नीचे जाने पर और भी कमजोरी आ सकती है। इस स्तर से नीचे, बाजार 21,800 अंक को फिर से टेस्ट कर सकता है। फिर उसके बाद नीचे की तरफ 21,650 तक का स्तर भी मुमकिन है।
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