एक बार फिर एग्जिट पोल के नतीजे फेल हो गए हैं। इसका सीधा असर 4 जून को स्टॉक मार्केट पर दिखा। वोटों की गिनती सुबह 8 बजे शुरू हो गई। थोड़ी देर बाद ही शुरुआती रुझान मिलने लगे। इंडिया अलायंस की सीटें बढ़ने के रुझान दिखे। मार्केट के 9:15 बजे ओपन होने पर यह साफ हो गया था कि एनडी 400 सीटें जीतने के दावे से बहुत दूर रह जाएगी। एग्जिट पोल से जितनी सीटें एनडीए के खाते में आने के अनुमान दिख थे, वे भी फाइनल नतीजों में सही साबित होते नहीं दिखे। इसका सीधा असर स्टॉक मार्कट पर दिखा। मार्केट कमजोर खुले। फिर गिरावट बढ़ गई।
एग्जिट पोल के नतीजों पर मार्केट की प्रतिक्रिया
NDA को भले ही एग्जिट पोल जितनी सीटें नहीं आती दिख रही हैं लेकिन सरकार उसकी बनेगी। ऐसे में सवाल यह है कि मार्केट में क्यों आ रही है बड़ी गिरावट? इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि मार्केट ने एग्जिट पोल (Exit Poll) के नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया जताई है। एग्जिट पोल के नतीजों के बाद 3 जून को मार्केट खुलने पर जबर्दस्त तेजी आई। सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) नई ऊंचाई पर पहुंच गए। लेकिन, एग्जिट पोल के नतीजें गलत साबित होने पर 4 जून को मार्केट ने अपनी प्रतिक्रिया दिखाई, जिससे मार्केट गिर गया।
विपक्ष सरकार के फैसले पर करेगा सवाल
दूसरा यह कि मार्केट पहले से एनडीए की जीत का अनुमान लगा रहा था। मार्केट को उम्मीद थी कि एनडीए की तीसरी बार सरकार बनेगी। वह भी भारी बहुमत के साथ। लेकिन, लोकसभा चुनावों के नतीजों के जो रुझान आए हैं, उससे एनडीए की सरकार बनने के संकेत तो मिले है लेकिन उसकी सीटे उतनी ही रहेगी, जितनी सरकार बनाने के लिए जरूरी है। इससे सरकार के पास उस तरह की आजादी नहीं रह जाएगी, जैसी मोदी 1.0 और मोदी 2.0 में दिखी थी। विपक्ष को ज्यादा सीटें मिलने का मतलब है कि सरकार के हर फैसले पर विपक्ष अपनी दमदार प्रतिक्रिया दिखाएगा।
यह गिरावट सिर्फ एक दो दिन की
एक्सपर्ट्स का कहना है कि एनडीए की सरकार बनने पर मौजूदा पॉलिसी जारी रहेगी। यह मार्केट के लिए पॉजिटिव है। इसलिए मार्केट में आगे तेजी देखने को मिलेगी। 4 जून को जो गिरावट दिख रही है, वह सिर्फ एक दिन की गिरावट है। यह एग्जिट पोल के नतीजों पर मार्केट की त्वरित प्रतिक्रिया है। आगे मार्केट में तेजी दिखेगी। इसलिए इस गिरावट को लेकर निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। एनडीए की सरकार बनने के मतलब है कि सरकार की मौजूदा नीति जारी रहेगी।