Shares Block Deal: पिछले कुछ समय से कई कंपनियों के शेयरों के ब्लॉक डील की खबरें आ रही थीं और अब सामने आया है कि इस तिमाही ब्लॉक डील का रिकॉर्ड बनने वाला है। मार्केट की मौजूदा तेजी का फायदा उठाते हुए कुछ शेयरहोल्डर्स अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं और इस साल अब तक उन्होंने 710 करोड़ डॉलर के शेयर बेचे हैं। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक यह वर्ष 2010 की मार्च तिमाही के बाद से सबसे अधिक बिकवाली है। एफएमसीजी कंपनी ITC में इतनी बड़ी ब्लॉक डील हुई कि यह इस साल एशिया की सबसे बड़ी ब्लॉक डील साबित हुई। वहीं चीन और हॉन्ग कॉन्ग की बात करें तो चीन और हॉन्ग कॉन्ग में जुलाई से 50 करोड़ डॉलर से अधिक की ब्लॉक डील नहीं हुई है।
कैसा है भारतीय मार्केट में हाल
आर्थिक सुस्ती में फंस चुके चीन से विदेशी निवेशक बाहर निकल रहे हैं और अपना पैसा भारतीय मार्केट में डाल रहे हैं जिसके चलते भारतीय शेयर ऊंचाईयों को छू रहे हैं। इस समय मार्केट में बिकवाली का दबाव दिख रहा है लेकिन अब अगले महीने से देश में लोकसभा चुनाव शुरू होंगे तो एक बार फिर विदेशी निवेश तेजी से आएगा। हालांकि सिटीग्रुप के इंडिया हेड (इनवेस्टमेंट बैंकिंग) राहुल सराफ के मुताबिक चुनाव बीतने पर एक बार फिर ब्लॉक ट्रेड्स में तेजी आएगी। गोल्डमैन सैक्स ग्रुप के एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर (इंडियन इक्विटी कैपिटल मार्केट्स) कैलाश सोनी का कहना है कि भारतीय इक्विटी मार्केट में एक्टिविटीज कितनी बढ़ी है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि अभी मार्च चल रहा है और वॉल्यूम एक्टिविटी पिछले साल 2023 के मुकाबले 50 फीसदी से अधिक हो चुका है।
सबसे बड़ी ब्लॉक डील हुई ITC में
इस हफ्ते टाटा सन्स ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के शेयर बेचकर 110 करोड़ डॉलर जुटाए। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 के बाद से टीसीएस के शेयरों की यह सबसे बड़ी ब्लॉक डील है। इसके अलावा ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको (BAT) ने भी आईटीसी की 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर करीब 17.5 हजार करोड़ रुपये जुटाए। यह पूरे एशिया के लिए इस साल की अब तक की सबसे बड़ी ब्लॉक डील है। देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो के को-फाउंडर राकेश गंगवाल ने इसके शेयर बेचकर 82 करोड़ डॉलर जुटाए। होम एप्लाएंस अमेरिकी कंपनी व्हर्लपूल कॉरपोरेशन ने फरवरी में अपनी भारतीय इकाई में हिस्सेदारी बेचकर 46.9 करोड़ डॉलर जुटाए।