Share Market Crash: शेयर बाजार में शुक्रवार 25 अक्टूबर को बिकवाली और तेज हो गई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों करीब एक प्रतिशत तक लुढ़क गए। वहीं स्मॉलकैप इंडेक्स 2.5 प्रतिशत तक गिर गया। इस चौतरफा गिरावट के चलते निवेशकों के दिन भर में करीब 6.36 लाख करोड़ रुपये डूब गए। कारोबार के अंत में, सेंसेक्स 662.87 अंक या 0.83 फीसदी टूटकर 79,402.29 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं एनएसई का 50 शेयरों वाला इंडेक्स, निफ्टी 218.60 अंक या 0.90 फीसदी लुढ़ककर 24,180.80 के स्तर पर बंद हुआ। यह लगातार पांचवां दिन है, जब दोनों इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं
आइए जानते हैं कि इस गिरावट के पीछे 4 सबसे बड़े कारण क्या हैं-
1. FIIs की ओर लगातार बिकवाली
2. इंडसइंड बैंक के कमजोर तिमाही नतीजे
सेंसेक्स और निफ्टी में आज की बड़ी गिरावट के पीछे एक मुख्य वजह इंडसइंड बैंक के खराब नतीजे भी रहे। इंडसइंड बैंक का शेयर आज लगभग 20 फीसदी तक गिर गए और इसके साथ ही अब यह देश की 10 सबसे बड़ी मार्केट वैल्यू वाली कंपनियों की लिस्ट से बाहर हो गई है। इसका शुद्ध मुनाफा सितंबर तिमाही में करीब 40 फीसदी घटकर 1,331 करोड़ रुपये पर आ गया। यह बाजार के अनुमानों से बिल्कुल उलट था, जिसके बाद इसके शेयर बेचने की होड़ लग गई। इंडसइंड बैंक ने बताया कि अधिक प्रोविजनिंग, अधिक मार्जिन वाले लोन सेगमेंट की धीमी ग्रोथ और दूसरे स्रोतों से आय घटने के चलते उसके मुनाफे पर असर पड़ा है। इस खराब नतीजे के बाद लगभग सभी प्रमुख ब्रोकरेज फर्मों ने इसके टारगेट प्राइस को घटा दिया और बैंक की शॉर्ट-टर्म ग्रोथ संभावनाओं को लेकर आशंका जताई है। इंडसइंड बैंक आज सेंसेक्स और निफ्टी दोनों पर टॉप लूजर्स बना रहा।
3. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चतता
अमेरिकी राष्ट्रपति पद चुनाव के नतीजों को लेकर अनिश्चतता बनी हुई है। स्विंग राज्यों में डोनाल्ड ट्रम्प और कमला हैरिस के बीच उम्मीद से अधिक कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है। निवेशक अमेरिकी चुनावों से पहले बाजार में संभावित अस्थिरता के लिए तैयार हो रहे हैं, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। इसके अलावा अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में भी इस हफ्ते में बढ़ोतरी हुई, जिसे एशियाई बाजारों के नकरात्मक माना जाता है। साथ ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में और कटौती की उम्मीद भी अब कम होती दिख रही है।
शेयर बाजार में उथल-पुथल के दौरान आमतौर पर FMCG शेयरों की मांग बढ़ जाती है क्योंकि इन्हें निवेश के लिहाज से काफी सेफ सेक्टर माना जाता है। हालांकि इस बिकवाली में FMCG सेक्टर भी दबाव में आ गए हैं। सेक्टर को बढ़ती इनपुट लागतों से जूझना पड़ रहा है, खासकर एग्रीकल्चर कमोडिटी में, जिसका असर उनके प्रॉफिट मार्जिन पर पड़ा है। एक्सपर्स्ट ने निवेशकों को स्मॉलकैप शेयरों पर बहुत अधिक फोकस नहीं करने की सलाह दी है, इसके बजाय उन्हें पोर्टफोलियो को संतुलित करने का सुझाव दिया है।
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