Share Market Down: शेयर बाजार में इन 4 कारणों से मची तबाही, सेंसेक्स 1000 अंक लुढ़का, निफ्टी भी 1.5% नीचे

Share Market Down: भारतीय शेयर बाजार आज 13 जनवरी को सप्ताह के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ खुले। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 800 अंक से अधिक टूटकर 76,580.57 पर आ गया, जबकि निफ्टी 246.35 अंक की गिरावट के साथ 23,185.15 पर कारोबार कर रहा था। सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में थे, जिसमें पीएसयू बैंक और रियल एस्टेट शेयरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ

अपडेटेड Jan 13, 2025 पर 4:16 PM
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Share Market Down: बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स क्रमश: 1% और 0.8% नीचे रहे

Share Market Down: भारतीय शेयर बाजार आज 13 जनवरी को सप्ताह के पहले कारोबारी दिन  क्रैश हो गए। बीएसई सेंसेक्स 1000 अंक से अधिक टूट गया। वहीं निफ्टी भी गोता लगाकर 23,100 के नीचे पहुंच गया। असली तबाही ब्रॉडर मार्केट में देखने को मिली। स्मॉलकैप और मिडकैप दोनों इंडेक्स 4% से अधिक गिर गए। सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में बंद हुए। रियल एस्टेट और PSU बैंक के शेयरों में सबसे अधिक बिकवाली देखने को मिली। रियल्टी इंडेक्स तो 6% से भी अधिक गिर गया।

कारोबार के अंत में, बीएसई सेंसेक्स 1,048.90 अंक या 1.36 फीसदी गिरकर 76,330.01 अंक पर बंद हुआ। वहीं एनएसई का 50 शेयरों वाला इंडेक्स, निफ्टी 345.55 अंक या 1.47 फीसदी फिसलकर 23,085.95 के स्तर पर बंद हुआ।

शेयर बाजार का मूड बिगाड़ने में घरेलू के अलावा कमजोर ग्लोबल संकतों ने भी अहम भूमिका निभाई।


 

शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे 4 मुख्य कारण रहे, आइए जानते हैं-

1. कमजोर ग्लोबल संकतों ने बिगाड़ा बाजार का मूड

कमजोर ग्लोबल संकतों ने बाजार का मूड बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाई। अमेरिकी जॉब मार्केट के शुक्रवार को आए आंकड़ों ने फेडरल रिजर्व की ओर से दरों में जल्द कटौती की उम्मीदों को और कमजोर कर दिया। इसके चलते शुक्रवार को अमेरिकी शेयर मार्केट भी लगातार दूसरे हफ्ते गिरावट के साथ बंद हुए। इसका असर आज एशियाई बाजारों पर भी दिखा और आज सुबह के कारोबार के दौरान एशिया-प्रशांत इलाके के लगभग सभी प्रमुख मार्केट्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।

2. डॉलर इंडेक्स 2022 के बाद के सबसे ऊंचे स्तर पर

इस बीच डॉलर इंडेक्स बढ़कर अब 2022 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इसने भारतीय रुपये पर दबाव बढ़ा दिया है। सोमवार को भारतीय रुपया कमजोर होकर 86.18 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर खुला।

3. FIIs की लगातार बिकवाली

विदेशी निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली ने बाजार के सेंटीमेंट को हिलाकर रख दिया है। जनवरी में अब तक विदेशी निवेशक 21,357.46 करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं। पिछले तीन महीनों के दौरान FIIs ने 1,77,402.49 करोड़ रुपये के शुद्ध विक्रेता रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों कीलगातार बिकवाली के पीछे मुख्य कारण डॉलर इंडेक्स में लगातार बढ़ोतरी है, जो अब 109 से ऊपर है।

4. क्रूड ऑयल के दाम में उछाल

क्रूड ऑयल के दाम में पिछले कुछ दिनों से लगातार तेजी देखी जा रही है। सोमवार सुबह WTI क्रूड ऑयल के दाम 1.83% बढ़कर 77.97 डॉलर पर कारोबार कर रही थे। वहीं ब्रेंटक्रूड की कीमतें 1.74% बढ़कर 81.15 डॉलर पर कारोबार कर रही थीं। यह इनका पिछले 3 महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है।

एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?

रिलिगेयर ब्रोकिंग के सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट अजीत मिश्रा ने कहा, "बाजार में दबाव बना हुआ है, यहां तक ​​कि मामूली गिरावट भी बिकवाली का दबाव पैदा कर रही है। तिमाही नतीजों का सीनज शुरू होने के साथ ही बाजार में उतार-चढ़ाव और भी तेज होने की संभावना है।" उन्होंने कहा, "खासतौर से बैंकिंग इंडेक्स में रुझान में बदलाव के स्पष्ट संकेत न मिलने पर, व्यापारियों को सलाह दी जाती है कि वे रिबाउंड का इस्तेमाल शॉर्टिंग के अवसर के रूप में करें। सावधानी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, साथ ही मजबूत रिस्क मैनेजमेंट पर फोकस करना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि तिमाही नतीजों के साथ स्टॉक-आधारित निवेश के मौके बन सकते हैं। आईटी, एफएमसीजी और फार्मा जैसे डिफेंसिव सेक्टरों में निवेश अवसर देख सकते हैं। वहीं ब्रॉडर मार्केट और दूसरे सेगमेंट के दबाव में बने रहने की संभावना है।

निफ्टी को 23,000 पर सपोर्ट

चॉइस ब्रोकिंग के डेरिवेटिव एनालिस्ट हार्दिक मटाली ने कहा, "गिरावट में कारोबार की शुरुआत के बाद निफ्टी को 23,000 पर सपोर्ट मिल सकता है और उसके बाद फिर 22,800 पर। वहीं ऊपर की ओर से 23,500 इसके लिए तत्काल रेजिस्टेंस साबित हो सकता है। इसके बाद 23,600 और 23,800 पर रेजिस्टेंस देखने को मिल सकता है।"

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Vikrant singh

Vikrant singh

First Published: Jan 13, 2025 11:35 AM

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