कारोबार के अंत में सेंसेक्स 93.91 अंक यानी 0.17 फीसदी की गिरावट के साथ 55,675.32 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 14.75 अंक यानी 0.09 फीसदी टूटकर 16,569.55 के स्तर पर बंद हुआ
Closing Bell- कारोबारी हफ्ते के पहले दिन बाजार में दायरे में कारोबार करता नजर आया और अंत में लाल निशान में बंद हुआ। आज के कारोबार में रियल्टी, इंफ्रा, IT शेयरों पर दबाव देखने को मिला। वहीं बैंकिंग, ऑटो शेयरों में हल्की बढ़त देखने को मिली। मेटल शेयरों में खरीदारी रही।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 93.91 अंक यानी 0.17 फीसदी की गिरावट के साथ 55,675.32 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी
Closing Bell- कारोबारी हफ्ते के पहले दिन बाजार में दायरे में कारोबार करता नजर आया और अंत में लाल निशान में बंद हुआ। आज के कारोबार में रियल्टी, इंफ्रा, IT शेयरों पर दबाव देखने को मिला। वहीं बैंकिंग, ऑटो शेयरों में हल्की बढ़त देखने को मिली। मेटल शेयरों में खरीदारी रही।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 93.91 अंक यानी 0.17 फीसदी की गिरावट के साथ 55,675.32 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 14.75 अंक यानी 0.09 फीसदी टूटकर 16,569.55 के स्तर पर बंद हुआ।
ग्लोबल संकेत नहीं दे रहे साथ
बाजार में आज दबाव दिख सकता है। SGX NIFTY करीब 100 प्वाइंट नीचे कारोबार कर रहा है। एशिया भी कमजोर नजर आ रहा है। हलांकि DOW FUTURES हरे निशान पर है। शुक्रवार को DOW 300 प्वाइंट से ज्यादा लुढ़का है वहीं NASDAQ भी 3 परसेंट टूटा है।
कच्चे तेल में फिर से उबाल देखने को मिल रहा है। ओपेक देशों से उत्पादन बढ़ाने के फैसले के बावजूद भाव नहीं रुक रहे। ब्रेंट 121 डॉलर के पार पहुंचा है। चीन से मांग बढ़ने और सप्लाई घटने की आशंका से कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है।
वडोदरा की फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद दीपक नाइट्रेट का प्लांट बंद हुआ है। सरकार ने सुरक्षा वजहों से फैसला लिया। आज शेयर मेंदबाव दिख सकता है।
आज से RBI की 3 दिनों की MPC बैठक
आज से RBI की 3 दिनों की MPC बैठक शुरु होगी। जानकार बोले चौथाई से आधा परसेंट तक दरें बढ़ सकती हैं ।
3 जून को भारतीय बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 3770.51 करोड़ रुपए की बिकवाली की। वहीं, इस दिन घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2360.51 करोड़ रुपए की खरीदारी की।
NSE पर F&O बैन में आने वाले शेयर
6 जून को NSE पर कोई स्टॉक F&O बैन में नहीं है। बताते चलें कि F&O सेगमेंट में शामिल स्टॉक्स को उस स्थिति में बैन कैटेगरी में डाल दिया जाता है, जिसमें सिक्योरिटीज की पोजीशन उनकी मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट से ज्यादा हो जाती है।