शेयर मार्केट जल्दी बनाएगा नया हाई, भारत में अगले तीन साल तक मंदी आने की कोई आशंका नहीं

Axis Securities के नवीन कुलकर्णी ने बताया कि अगले 2-3 सालों में भारत में मंदी की कोई आशंका नहीं है. ग्लोबल इकोनॉमी मंदी की तरफ जा रही है लिहाजा डॉलर के मुकाबले रुपए में और गिरावट आने का डर नहीं है

अपडेटेड Aug 03, 2022 पर 7:37 AM
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भारत अभी भी दुनिया के सबसे आर्कषक बाजारों में से एक है और मीडियम टर्म में यह काफी अच्छा प्रदर्शन करेगा

Share Market News: भारतीय शेयर बाजार पिछले कुछ महीनों में काफी उतारचढ़ाव से गुजरा है। हालांकि अब बाजार में एक तेजी नजर आ रही है। ऐसे में निवेशकों के मन में ये सवाल है कि क्या यह तेजी आगे बनी रहेगी। पश्चिम देशों में मंदी का सुगबुगाहट शुरू हो गई है जिसकी वजह से छोटे निवेशक सहमे हुए हैं। भारतीय बाजार आने वाले दिनों में कैसा रहेगा, इस बारे में Axis Securities के नवीन कुलकर्णी ने बताया कि बाजार की सबसे बड़ी चिंता रुपए की गिरावट को लेकर है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि रुपया जिस लेवल पर गिरकर आ गया है उससे नीचे नहीं जाएगा। कुलकर्णी ने कहा कि अब ग्लोबल बाजार मंदी की तरफ जा रहा है तो रुपए में और गिरावट की आशंका नहीं है।

भारत में मंदी की आशंका नहीं

कुलकर्णी ने कहा अगले 2-3 सालों में भारत में मंदी की कोई आशंका नहीं है। इसका मतलब यह है कि आगे हमें रुपये में स्थिरता आती नजर आएगी। उनका यह भी मानना है कि आरबीआई अपनी अगली पॉलिसी मीट में ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है। लेकिन इससे ज्यादा होने वाली बढ़ोतरी तमाम ग्लोबल फैक्टरों पर निर्भर करेगी क्योंकि भारत दुनिया के प्रभाव से बचकर नहीं रह सकता।


पहली तिमाही के नतीजों पर बात करते हुए नवीन कुलकर्णी ने आगे कहा कि अभी पहली तिमाही में आए कंपनियों के नतीजे उम्मीद के मुताबिक रहे हैं। कंज्यूमर सेक्टर ने अच्छा ट्रेंड दिखाया है। खपत से जुड़े सेक्टरों में मजबूती का ट्रेंड देखने को मिला है जो इकोनॉमी में मजबूती का संकेत है।

कब तक रिकवर होगा IPO मार्केट

IPO बाजार से जुड़े एक सवाल का जबाव देते हुए नवीन कुलकर्णी ने कहा कि प्राइमरी मार्केट को रिकवर होने में कुछ समय लगेगा। पिछले वर्ष का बेंचमार्क काफी ऊंचा है। अब पिछले वर्ष का लेवल हासिल करना मुश्किल नजर आ रहा है। उम्मीदों को नीचे आने में कुछ समय लगता है। इस साल पिछले साल की तुलना में आईपीओ मार्केट में सुस्ती नजर आएगी लेकिन फिर भी यहां तमाम लिस्टिंग होती नजर आएगी। आने वाले महीनों में अच्छे बिजनेस मॉडल वाली कंपनियां प्राइमरी बाजार से पूंजी जुटाने में कामयाब होंगी।

खपत वाले सेक्टर और FMCG सेक्टर में पिछले डेढ़ महीने में आई जोरदारी तेजी के बाद क्या अब भी निवेश के मौके हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए नवीन कुलकर्णी ने कहा कि खपत से जुड़े सेक्टर ने कोविड -19 के बाद की रैली में बहुत भागीदारी नहीं की थी। पूरे महामारी काल में FMCG सेक्टर अंडरपरफॉर्मर रहा था। तीन महीने पहले कुछ कंज्यूमर डिस्क्रीशनरी स्टॉक कोविड -19 पूर्व के स्तर के भी नीचे नजर आ रहे थे।

ऐसे में अब इकोनॉमिक गतिविधियों के अपनी पूरी गति के साथ चलने की वजह से अगर खपत से जुड़े सेक्टर अच्छा कर रहे हैं तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। इस सेक्टर के लिए एक मात्र चुनौती इनका महंगा वैल्यूएशन है। ऐसे में आईटीसी जैसे अच्छे वैल्यूएशन वाले स्टॉक्स का प्रदर्शन आगे अच्छा रहेगा।

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इस सवाल का जबाव देते हुए उन्होंने कहा कि हां यह संभव है लेकिन इसके लिए कोई समय सीमा नहीं बताई जा सकती है। भारत अभी भी दुनिया के सबसे आकर्षक बाजारों में से एक है और मीडियम टर्म में यह काफी अच्छा प्रदर्शन करेगा।

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