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Shiv Texchem IPO Listing: ₹166 के शेयर की ₹239 पर एंट्री, टूटकर आया लोअर सर्किट पर, फिर बढ़ी खरीदारी

Shiv Texchem IPO Listing: शिव टेक्सकेम हाईड्रोकॉर्बन पर आधारित सेकंडरी और टर्शियरी केमिकल्स विदेशों से मंगाती है जो कई इंडस्ट्रीज के लिए कच्चे माल का काम करती है। इसके आईपीओ को निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला था। आईपीओ के तहत सिर्फ नए शेयर जारी हुए हैं। चेक करें कंपनी की कारोबार सेहत कैसी है और आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कैसे करेगी?

अपडेटेड Oct 15, 2024 पर 3:57 PM
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Shiv Texchem IPO Listing: शिव टेक्सकेम का ₹101.35 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 8-10 अक्टूबर तक खुला था। आज इसके शेयरों की लिस्टिंग हुई है।

Shiv Texchem IPO Listing: विदेशों से केमिकल मंगाकर घरेलू मार्केट में इंडस्ट्रीज को सप्लाई करने वाली शिव टेक्सकेम के शेयरों की आज BSE के SME प्लेटफॉर्म पर धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 156 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 166 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE SME पर इसकी 239.00 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 43.98 फीसदी का लिस्टिंग गेन (Shiv Texchem Listing Gain) मिला। हालांकि आईपीओ निवेशकों की खुशी थोड़ी ही देर में फीकी हो गई जब शेयर टूट गए। टूटकर यह 227.05 रुपये (Shiv Texchem Share Price) के लोअर सर्किट पर आ गया। हालांकि फिर रिकवरी हुई और यह 250.95 रुपये के अपर सर्किट पर पहुंच गया और इसी पर बंद भी हुआ यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 51.17 फीसदी मुनाफे में हैं।

Shiv Texchem IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस

शिव टेक्सकेम का ₹101.35 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 8-10 अक्टूबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का शानदार रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 156.55 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 86.70 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 455.58 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 68.27 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 61,05,600 नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी लॉन्ग टर्म वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।


Shiv Texchem के बारे में

वर्ष 2005 में बनी शिव टेक्सकेम हाईड्रोकॉर्बन पर आधारित सेकंडरी और टर्शियरी केमिकल्स विदेशों से मंगाती है जो कई इंडस्ट्रीज के लिए कच्चे माल का काम करती है। यह एसीटल्स, एल्कोहॉल, एरोमैटिक्स, नाइट्राइल्स, मोनोमर्स, ग्लाईकॉल्स, फिनॉलिक, कीटोन्स और आईसोसाइनेट्स आयात करती है जिनका इस्तेमाल पेंट्स एंड कोटिंग्स, प्रिटिंग इंक्स. एग्रोकेमिकल्स, स्पेशल्टी पॉलीमर्स, फार्मा और इंडस्ट्रियल स्पेशल्टी केमिकल्स इंडस्ट्री में कच्चे माल के तौर पर होता है। इस पोर्टफोलियो में वित्त वर्ष 2022 में 21 प्रोडक्ट्स से अब वित्त वर्ष 2024 में 39 प्रोडक्ट्स हो चुके हैं और इस दौरान ग्राहक भी 400 से बढ़कर 650 के पार पहुंच गए।

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 13.86 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 16.03 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 30.11 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 33 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 1536.68 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2024 में इसे 10.06 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 567.07 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हो चुका है।

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