Short Call: आखिर क्यों सिर्फ छोटी कंपनियों के आईपीओ में दिलचस्पी दिखा रहे इनवेस्टर्स, Colgate palmolive और nuvoco vistas क्यों सुर्खियों में हैं?

इनवेस्टर्स फटाफट ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए कई ऐसी कंपनियों के आईपीओ में पैसे लगा रहे हैं, जिनके बिजनेसेज के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। खासकर एसएमई आईपीओ में ऐसा देखने को मिला है। इस साल आए कई एसएमई आईपीओ के स्टॉक्स की कीमतें लिस्टिंग के बाद दोगुनी तक हो गई हैं

अपडेटेड Oct 28, 2024 पर 10:31 AM
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इस साल जनवरी से अब तक करीब 600 कंपनियों के आईपीओ आए।
     
     
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    यह साल (2024) आईपीओ के निवेशकों के लिए शानदार दिख रहा। भले ही हुंडई मोटर और ओला इलेक्ट्रिक का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा, लेकिन छोटी कंपनियों के शेयरों ने निवेशकों को मालामाल किया। इनवेस्टर्स ने शेयरों की लिस्टिंग पर खूब पैसे बनाए। इस साल जनवरी से अब तक करीब 600 कंपनियों के आईपीओ आए। इनमें करीब 110 एसएमई आईपीओ 2024 की पहली छमाही में आए। 87 हरे निशान में चल रहे हैं। 43 ने निवेशकों के पैसे दोगुना कर दिए हैं। यह जानकारी प्राइमडेटाबेस के डेटा पर आधारित है। यह डेटा बताता है कि हर चार एसएमई आईपीओ में से 3 ने निवेशकों को अमीर बनाया। 40 फीसदी मल्टीबैगर साबित हुए।

    एक्सपर्ट्स का कहना है कि आईपीओ (IPO) को लेकर इनवेस्टर्स की यह दीववानगी आगे कम हो सकती है। स्टॉक्स की वैल्यूएशन काफी ज्यादा हो गई है। Capitalmind Financial Services के डेटा बताते हैं कि बीते दशक में मार्केट में आए 40 बड़ी कंपनियों के आईपीओ में से 24 का रिटर्न CNX 500 के मुकाबले कम है। 12 का रिटर्न निगेटिव है। इसका मतलब क्या है? इसका मतलब यह है कि इनवेस्टर्स मजबूत कंपनियों के आईपीओ में पैसे लगाने की जगह उन कंपनियों के आईपीओ में पैसे लगा रहे हैं, जिनके शेयरों की कीमत ग्रे मार्केट में प्रीमियम पर चल रही हैं। वे इस उम्मीद में औसत दर्जे की कम मशहूर कंपनियों में पैसे लगा रहे हैं कि थोड़े समय में उन्हें ज्यादा मुनाफा होगा।

    जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वीके विजयकुमार ने कहा, "इतिहास इस बात का गवाह है कि जल्द मुनाफा कमाने की कोशिश में बड़ा नुकसान होता है।" निवेशक मौका चूक जाने के डर से आईपीओ पर दांव लगा रहे हैं। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि शुरुआती चमक के बाद आईपीओ पेश करने वाली कई कंपनियों के स्टॉक्स में लिक्विडिटी की प्रॉब्लम आ सकती है। निवेशकों को सावधानी बरतने की जरूरत है। उनका पैसा ऐसे स्टॉक्स में फंस भी सकता है।


    Nuvoco Vistas

    नुवाको विस्टास का स्टॉक 25 अक्टूबर को 3.2 फीसदी गिरकर 331 रुपये पर बंद हुआ था। इसकी वजह कंपनी के कमजोर नतीजे हैं। सितंबर तिमाही में कंपनी को लॉस हुआ है। बुल्स का कहना है कि आगे व्यस्त सीजन को देखते हुए डिमांड में रिकवरी आ सकती है। इसका असर सीमेंट की कीमतों पर पड़ेगा। इससे Nuvoco Vistas के प्रदर्शन में सुधार दिख सकता है। फेस्टिव सीजन में मजबूत डिमांड और फ्यूल कॉस्ट में कमी से FY25 की दूसरी छमाही में कंपनी के मार्जिन में रिकवरी दिख सकती है। बेयर्स की दलील है कि उत्तर और पूर्वी इलाके कंपनी के लिए अच्छे मार्केट्स हैं। इन इलाकों में कीमतों में कमी देखने को मिली है। मानसून की बारिश की वजह से भी डिमांड कमजोर रही है। अगर डिमांड कमजोर बनी रहती है तो वॉल्यूम की जगह वैल्यू पर फोकस करने की कंपनी की स्ट्रेटेजी की वजह से प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के मुकाबले Nuvoco Vistas का प्रदर्शन कमजोर रह सकता है।

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    Colgate Palmolive

    कोलगेट पामोलीव के शेयर 25 अक्टूबर को 4 फीसदी गिरकर 95.6 रुपये पर बंद हुए थे। शेयरों में गिरावट की वजह कंपनी के दूसरी तिमाही के नतीजे हैं। मार्जिन के मामले में Colgate Palmolive ने निराश किया है। दूसरी तिमाही में एडवर्टाइजमेंट पर खर्च बढ़ा है। कंपनी ग्रामीण इलाकों में अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रही है। ओरल केयर कैटेगरी में सुस्त ग्रोथ को देखते हुए कंपनी ने पर्सनल केयर पोर्टफोलियो पर फोकस बढ़ाया है। एडवर्टाइजमेंट पर ज्यादा खर्च का असर कंपनी के मार्जिन पर पड़ा है। बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा का असर लंबी अवधि में कंपनी के प्रदर्शन पर पड़ सकता है। हाल में शेयरों की कीमतों में आए उछाल के बाद जल्द में इसमें ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं दिख रही। बढ़ती इनपुट्स कॉस्ट का असर भी कंपनी पर पड़ेगा।

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