अब दुनियाभर में उम्मीद बंधी है कि इंटरेस्ट रेट में कमी ज्यादा दूर नहीं है। हालांकि, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन और उनकी टीम के दूसरे सदस्यों ने ऐसा नहीं कहा है। लेकिन, फाइनेंशियल मार्केट के इनवेस्टर्स को रेट में कमी होने की संभावना नजर आ रही है। इधर, इंडियन मार्केट की चिंता कुछ अलग है। इनवेस्टर्स इंटरेस्ट रेट को लेकर चिंतित नहीं है। यहां इनवेस्टर्स इस बात को लेकर उलझन में हैं कि उन्हें इंडिया की ग्रोथ स्टोरी पर दांव लगाना जारी रखना चाहिए या अगले साल लोकसभा चुनावों को देखते हुए थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए।
RBI ने कंपनी को अपने दो प्रोडक्ट्स के जरिए कर्ज नहीं देने का निर्देश दिया है। केंद्रीय बैंक का यह फैसला मार्केट बंद होने के बाद आया। लेकिन, ऐसा लगता है कि कुछ लोगों को केंद्रीय बैंक के इस निर्देश के बारे में पहले से पता था। इसकी वजह यह है कि 15 नवंबर को मार्केट बंद होने के ठीक पहले Bajaj Finance के स्टॉक्स में तेज बिकवाली देखने को मिली। F&O सेगमेंट में 7000 पुट और 7500 कॉल में ज्यादा गितिविधि देखने को मिली। कुछ प्लेयर्स का कहना है कि इसकी तैयारी पहले से हो रही थी। मार्केट के पुराने प्लेयर ने बताया कि RBI कंपनी के दो प्रोडक्ट्स के तहत दिए जा रहे लोन से खुश नहीं था। अब कुछ लोग इस बात से राहत महसूस कर रहे हैं कि Bajaj Finance की सेल्स टीम से आने वाली फोन कॉल बंद हो जाएगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है, "इस स्टॉक को खरीदने के लिए कितना करेक्शन जरूरी है?"
दूसरी तिमाही में कमजोर प्रदर्शन के बाद इस स्टॉक में 3 फीसदी गिरावट आई है। दूसरी तिमाही को सुस्त माना जाता है। इधर, ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल को इस स्टॉक के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि आयरन ओर (Iron Ore) की कीमतें हाई लेवल पर हैं। कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर में गतिविधियां बढ़ने से अच्छी डिमांड आगे भी बने रहने की उम्मीद है। इसका असर NMDC के स्टॉक्स पर देखने को मिल सकता है।
यह स्टॉक करीब 5 साल में सबसे हाई लेवल पर है। साल दर साल आधार पर दूसरी तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। लेकिन, पिछली कई तिमाहियों से प्रॉफिट एक सीमित दायरे में बना हुआ है। दूसरी तिमाही में ऐड रेवेन्यू साल दर साल आधार पर 4 फीसदी गिरा है। FMCG ऐड स्पेंड में वृद्धि देखने को मिली है। लेकिन, इसका बड़ा हिस्सा क्रिकेट की वजह से है। अभी वर्ल्डकैप चल रहा है। तीसरी तिमाही में ऐड स्पेंड में कमी देखने को मिल सकती है। आम तौर पर दिवाली के बाद ऐड स्पेंड में कमी आती है। इसलिए मार्केट को इस स्टॉक से बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है, क्योंकि तीसरी तिमाही में कंपनी के रेवेन्यू को लेकर तस्वीर साफ नहीं दिख रही। वैल्यूएशन अच्छी है, लेकिन कारपोरेट गवर्नेंस को लेकर संस्थागत निवेशक थोड़े फिक्रमंद हैं।
यह स्टॉक 2 फीसदी टूटा है। इससे पहले इस हफ्ते यह रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। आईपीओ में निवेश करने वाले कई इनवेस्टर्स अब भी इस स्टॉक को अपने पास बनाए रखा है। मार्केट का मानना है कि रेडियोलॉजी डॉयग्नॉस्टिक फर्मों पर प्राइस वॉर का असर पैथोलॉजी कंपनियों के मुकाबले कम पड़ेगा। कंपनी हैदराबाद से बाहर तेजी से विस्तार पर फोकस कर रही है। जेएम फाइनेंशियल के जयनील शाह ने बताया कि बी2सी पर ज्यादा फोकस और अच्छे कैशफ्लो से कंपनी को लंबी अवधि में ग्रोथ हासिल करने में मदद मिलेगी।