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Short Call: क्या कई बैंकों को अपनी चपेट में ले सकता है माइक्रोफाइनेंस का संकट? जानिए Spandana Sphoorty और Sun Pharma क्यों सुर्खियों में हैं

बैंकों ने माइक्रो फाइनेंस सेगमेंट को लेकर सावधानी बरतनी शुरू कर दी है। वे कलेक्शन पर फोकस बढ़ा रहे हैं। बड़े संकट से बचने के लिए ज्यादा प्रोविजनिंग कर रहे हैं। FY25 की दूसरी तिमाही में IDFC First Bank, Axis Bank और IndusInd Bank ने प्रोविजनिंग काफी बढ़ाई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 30, 2024 पर 9:58 AM
Short Call: क्या कई बैंकों को अपनी चपेट में ले सकता है माइक्रोफाइनेंस का संकट? जानिए Spandana Sphoorty और Sun Pharma क्यों सुर्खियों में हैं
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने माइक्रो फाइनेंस सेगमेंट से जुड़े रिस्क को देखते हुए 315 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग की है।

निफ्टी 50 में तेजी तभी लौटेगी जब प्राइवेट बैंकों का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। इसकी वजह यह है कि निफ्टी 50 में प्राइवेट बैंकों की हिस्सेदारी (वेटेज) 39 फीसदी है। इसलिए मार्केट की करीबी नजरें प्राइवेट बैंकों की अर्निंग्स और एसेट क्वालिटी पर लगी हैं। लेकिन, बैंक मार्जिन प्रेशर और सुस्त डिपॉजिट ग्रोथ से उबरते दिख रहे थे तभी एक नई क्राइसिस सामने आ खड़ी हुई है। यह माइक्रो फाइनेंस सेक्टर की क्राइसिस है। माइक्रो फाइनेंस इस्टीट्यूशंस (एमएफआई) आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में आने वाले लोगों को लोन देते हैं। एमएफआई सेगमेंट में डिफॉल्ट बढ़ रहा है। कलेक्शन रेट घट रहा है। ग्राहकों पर कर्ज का बोझ बढ़ गया है। यह बैंकिंग सेक्टर के लिए खराब संकेत है। इसका असर बैंकों की एसेट क्वालिटी पर पड़ेगा।

बैंकों ने माइक्रो फाइनेंस सेगमेंट को लेकर सावधानी बरतनी शुरू कर दी है। वे कलेक्शन पर फोकस बढ़ा रहे हैं। बड़े संकट से बचने के लिए ज्यादा प्रोवजिनिंग कर रहे हैं। FY25 की दूसरी तिमाही में IDFC First Bank, Axis Bank और IndusInd Bank ने प्रोविजनिंग काफी बढ़ाई है। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने माइक्रो फाइनेंस सेगमेंट से जुड़े रिस्क को देखते हुए 315 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग की है। एक्सिस बैंक ने 4,073 करोड़ रुपये के रिटेल स्लिपेज के बारे बमें बताया है। उसने प्रोविजनिंग बढ़ाई है। IndusInd Bank ने 525 करोड़ रुपये का बफर बनाया है। इसमें से 250 करोड़ रुपये सिर्फ माइक्रो फाइनेंस पोर्टफोलियो के लिए है। मोतीलाल ओसवाल के एनालिस्ट्स ने कहा है कि FY25 के दौरान माइक्रो फाइनेंस सेगमेंट में दबाव बना रह सकता है।

Spandana Sphoorty

स्पंदना स्फूर्ति का शेयर 29 अक्टूबर को 17 फीसदी लुढ़कर 379 रुपये पर क्लोज हुआ। इसकी वजह कंपनी के दूसरी तिमाही के खराब नतीजे हैं। Spandana Sphoorty को दूसरी तिमाही में लॉस हुआ है। इसकी वजह माइक्रो फाइनेंस पर दबाव है। बुल्स का कहना है कि स्पंदना स्फूर्ति के प्रदर्शन में चौथी तिमाही में रिकवरी देखने को मिलेगी। उधर, बेयर्स का कहना है कि एमएफआई पर दबाव जारी रह सकता है। एंप्लॉयीज के नौकरी छोड़ने की दर ज्यादा है। नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर रेगुलेटरी प्रेशर दिख रहा है। इससे कंपनी के लिए आगे का रास्ता आसान नहीं दिख रहा है।

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