ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि आरबीआई दिसंबर की अपनी मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक में इंटरेस्ट रेट में कमी कर सकता है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अक्टूबर की एमपीसी की बैठक में केंद्रीय बैंक के रुख (stance) में बदलाव दिख सकता है। 7 अक्टूबर को एमपीसी की बैठक शुरू हो गई है। इसके नतीजे 9 अक्टूबर को आएंगे। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट घटाने के बाद यह एमपीसी की पहली बैठक है। फेड के इंटरेस्ट रेट घटाने के बाद इंडिया सहित दूसरे देशों में इंटरेस्ट में कमी की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
RBI इंटरेस्ट रेट (Interest Rate) घटाने से पहले इकोनॉमी से जुड़े कई डेटा को ध्यान में रखेगा। इनमें जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) का डेटा भी शामिल है। पहली तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ आरबीआई के 7 फीसदी अनुमान से 30 बेसिस प्वाइंट्स कम था। कंपनियों की प्रॉफिट ग्रोथ, ऑटो सेल्स और सीमेंट की सेल्स के डेटा से भी इकोनॉमी में थोड़ी सुस्ती के संकेत मिले हैं। इसमें लंबे समय से इंटरेस्ट रेट के हाई बनाने का कुछ हाथ हो सकता है। लेकिन, प्राइवेट सेक्टर में पूंजीगत खर्च और एक्सपोर्ट में सुस्ती को लेकर सवाल खड़े होते हैं। उधर, ग्रामीण इलाकों में लोगों की इनकम नहीं बढ़ रही है।
चीन में सरकार और केंद्रीय बैंक ने इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ाने के लिए कई बड़े उपाय किए हैं। अगर चीन की इकोनॉमी की सेहत सुधरती है तो यह ग्लोबल इकोनॉमी के लिए अच्छा होगा। हालांकि, चीन के स्टॉक्स मार्केट्स में आई तेजी के बाद विदेशी फंडों ने इंडिया में बिकवाली की है। सवाल है कि ऐसे हालात में आरबीआई का रुख क्या होगा? क्या वह हालात पर नजर रखते हुए इंतजार करना चाहेगा? क्या एमपीसी के नए सदस्यों की राय अलग होगी? क्या उनकी आवाज सुनी जाएगी? इन सवालों के जवाब जानने के लिए हमें 9 अक्टूबर तक इंतजार करना होगा।
मैक्रोटेक डेवलपर्स का शेयर 6 अक्टूबर को 0.7 फीसदी चढ़कर 1,181 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी की FY25 की दूसरी तिमाही में 4,290 करोड़ रुपये की प्री-सेल्स रही है। यह कंपनी का अब तक की सबसे ज्यादा तिमाही प्री-सेल्स है। Macrotech Developers नए इलाकों में एंट्री कर रही है। इनवेंट्री का लिक्विडेशन तेजी से हो रहा है। कंपनी अपने एन्युटी एसेट्स का मॉनेटाइजेशन कर रही है। इससे उस पर कर्ज का बोझ घटेगा। उधर, बेयर्स का कहना है कि कंपनी की MMR पर काफी ज्यादा निर्भरता है। इससे इसकी ग्रोथ को लेकर रिस्क दिखता है। इंटरेस्ट रेट्स को लेकर भी अबी तस्वीर अनिश्चित दिख रही है। इसका असर कंपनी की ग्रोथ पर पड़ सकता है।
बंधन बैंक का शेयर 6 अक्टूबर को 1.5 फीसदी गिरकर 184.5 रुपये पर बंद हुआ। जेफरीज के Bandhan Bank के शेयरों को खरीदने की सलाह देने के बावूजद इसके भाव गिर गए। बुल्स का कहना है कि साल दर साल आधार पर बैंक का डिपॉजिट 27 फीसदी बढ़ा है। इसमें बुल्क डिपॉजिट में 58 फीसदी ग्रोथ का हाथ है। लोन-टू-डिपॉजिट रेशियो तिमाही दर तिमाही आधार पर 260 बेसिस प्वाइंट्स गिरकर 92 फीसदी पर आ गया है। हालांकि, यह अब भी कई प्रतिद्वंद्वी बैंकों से ज्यादा है। लेकिन, लोन-टू-डिपॉजिट रेशियो में कमी का असर कंपनी की शॉर्ट टर्म ग्रोथ पर पड़ सकता है।
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केंस टेक का शेयर 6 अक्टूबर को 3.5 फीसदी गिरकर 487.80 रुपये पर क्लोज हुआ। इसकी वजह ब्रोकरेज फर्म जेफरीज की रिपोर्ट है। जेफरीज ने कंपनी के स्टॉक्स में 13 फीसदी गिरावट की आशंका जताई है। बुल्स का कहना है कि Keynes Tech ने Iskraemeco का अधिग्रहण किया है, इससे कंपनी की स्मार्ट मीटरिंग क्षमता बढ़ेगी। कंपनी ने स्मार्ट मीटर में इंडिया का सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर बनने का टारेगेट रखा है। FY25 में कंपनी के कुल रेवेन्यू में स्मार्ट मीटर बिजनेस की हिस्सेदारी 10 फीसदी रहने की उम्मीद है। इससे कुल रेवेन्यू को सपोर्ट मिलेगा।