कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों का सीजन शुरू हो चुका है। सितंबर तिमाही में कंपनियों का मुनाफा बीती 17 तिमाही में सबसे कम रह सकता है। सवाल है कि क्या इससे मार्केट में बुलरन पर ब्रेक लग जाएगा? मार्केट से जुड़े ज्यादातर लोगों का मानना है कि बुल मार्केट स्ट्रॉन्ग बना रहेगा। बीच-बीच में मार्केट में उतारचढ़ाव दिख सकता है, जिसकी वजह चीन में राहत पैकेज का ऐलान हो सकता है।
लंबी अवधि में इंडियन मार्केट का प्रदर्शन अच्छा रहेगा
चीन का स्टॉक मार्केट थोड़े समय के लिए कम वैल्यूएशन की वजह से अट्रैक्टिव दिख सकता है। लेकिन, लंबी अवधि में इंडियन मार्केट के बेहतर प्रदर्शन की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है। दरअसल, चीन की इकोनॉमी की प्रॉब्लम बड़ी है, जिससे उसे बड़े राहत पैकेज की जरूरत है। हालांकि, चीन की इकोनॉमी से जुड़े मसले वित्तीय पैकेज से खत्म होने वाले नहीं हैं।
चीन के मार्केट में रिकवरी टिक नहीं पाती है
MSCI Emerging Market Index में इंडिया का वेट धीरे-धीरे बढ़ रहा है। अभी इंडेक्स में इंडिया दूसरे नंबर पर है। यस सिक्योरिटीज ने MSCI China और MSCI India के रेशियो का विश्लेषण किया है। इसके नतीजे बताते हैं कि पहले भी चीन के स्टॉक मार्केट्स में रिकवरी दिखी है, लेकिन वह टिक नहीं पाई है।
करेक्शन के बाद इंडियन मार्केट्स का अट्रैक्शन बढ़ा
सवाल है कि क्या पिछले महीने चीन के मार्केट में आई तेजी भी चार दिन की चांदनी साबित होगी? ज्यादातर एक्सपर्ट्स का जवाब हां है। इंडियन मार्केट में हाल में आए करेक्शन को लेकर चिंतित नहीं होने की दूसरी वजह यह है कि वैल्यूएशन बहुत बढ़ जाने के बाद यह गिरावट जरूरी थी।
स्मॉलकैप स्टॉक्स पर गिरावट का ज्यादा असर
स्मॉलकैप स्टॉक्स पर हालिया गिरावट का ज्यादा असर पड़ा है। Small Cap 250 इंडेक्स के 41 फीसदी और आधा से ज्यादा स्मॉल एंड माइक्रो-कैप स्टॉक्स अपने 52 हफ्ते के हाई से 20 फीसदी से ज्यादा गिर चुके हैं। हर पांच में से एक माइक्रो-कैप स्टॉक में 50 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है। इतनी ज्यादा गिरावट के बावजूद इस करेक्शन को अच्छा माना जा रहा है।
ज्यादा वैल्यूएशन वाले स्टॉक्स में जारी रह सकती है गिरावट
एक्सपर्टक्स का यह भी कहना है कि आगे भी उन स्टॉक्स में गिरावट दिख सकती है, जिनमें अर्निंग्स के 30-40 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। ऐसे स्टॉक्स जिनकी वैल्यूएशन अच्छी है, कंपनी की वित्तीय सेहत ठीक है और बिजनेस मॉडल सही है, उनमें फिर से तेजी देखने को मिलेगी।
टीसीएस का स्टॉक 11 अक्टूबर को 2 फीसदी गिरकर बंद हुआ था। कंपनी के शेयरों पर दूसरी तिमाही के नतीजों का असर पड़ा था। सितंबर तिमाही में कंपनी की अर्निंग्स कमजोर रही है। ऑपरेशन परफॉर्मेंस भी बहुत अच्छा नहीं रहा है। मार्जिन में कमी देखने को मिली है और रिकवरी की संभावनाएं सीमित दिखती हैं। हालांकि AI, साइबर सिक्योरिटी और टीएसएस इंटरएक्टिव की ग्रोथ अच्छी रही है। बेयर्स का कहना है कि TCS का EBIT मार्जिन घटकर 24.1 फीसदी पर आ गया। इसमें ज्यादा थर्ड पार्टी कॉस्ट, बीएसएनएल डील में तेजी और इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट का हाथ रहा।
यह भी पढ़ें: चीन के Stock Markets में इतने बड़े उतारचढ़ाव की क्या है वजह, कब आएगा सरकार का राहत पैकेज?
एवेन्यू सुपरमार्ट्स का शेयर 11 अक्टूबर को 0.81 फीसदी गिरकर 4,570 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी ने दूसरी तिमाही के नतीजों का ऐलान कर दिया है। प्रॉफिट ग्रोथ उम्मीद से काफी कम रही है। बुल्स का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में डिमांड में रिकवरी और नए स्टोर ओपन होने से DMart के रेवेन्यू को सपोर्ट मिल सकता है। इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में Avenue Supermarts के ऑनलाइन चैनल डीमार्ट रेडी के बिजनेस की ग्रोथ 21.8 फीसदी रही। कंपनी का प्रॉफिट 5.8 फीसदी बढ़कर 659.6 करोड़ रुपये हो गया। यह ब्रोकरेज फर्मों के अनुमान से काफी कम है।