आरबीआई ने पेटीएम के खिलाफ मार्च में एक्शन लिया। इसके बाद पेटीएम के स्टॉक्स में काफी बिकवाली हुई। इससे कंपनी के स्टॉक्स काफी नीचे चले गए। नॉर्वे के गवर्नमेंट पेंशन फंड इस मौके का इस्तेमाल पेटीएम के शेयरों को खरीदने के लिए किया। नॉर्वे का यह पेंशन फंड दुनिया का सबसे बड़ा फंड है। पिछली कुछ तिमाहियों में कई बड़े सॉवरेन और पेंशन फंडों ने पेटीएम, जोमैटो, पॉलिसीबाजार, मामाअर्थ और नजारा टेक्नोलॉजीज जैसी न्यू एज कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश किया है। सबसे ज्यादा इनवेस्टमेंट नॉर्वे के इस फंड ने किया है। इस फंड के एसेट्स की वैल्यू करीब 1.6 ट्रिलियन डॉलर है।
नॉर्वे के गवर्नमेंट पेंशन फंड का कई कंपनियों में निवेश
नार्वे के गवर्नमेंट पेंशन फंड के पास Zomato के 10 करोड़ शेयर हैं। उसके पास पॉलिसीबाजार (Policy Bazaar) के 47 लाख शेयर्स हैं। पेटीएम (Paytm) के 85 लाख शेयर्स हैं। ये डेटा मार्च तिमाही के अंत के हैं। NSE के बल्क डील के डेटा से पता चलता है कि इस फंड ने दिसंबर में Mamaearth के करीब 25 लाख शेयर्स खरीदे थे। उसने यह खरीदारी तब की थी, जब वेंचर कैपिटल इनवेस्टर Fireside Ventures ने बिकवाली की थी। फायरसाइड मामाअर्थ के शुरुआती निवेशकों में शामिल है।
सिंगापुर के सॉवरेन वेल्थ फंडों ने भी किया है निवेश
Mamaearth ने पिछले साल जब अपना आईपीओ पेश किया था तब दो सॉवरेन वेल्थ फंडों ने बतौर एंकर इनवेस्टर्स इस इश्यू में निवेश किए थे। इनमें एक नॉर्वे का गवर्नमेंट पेंशन फंड था। दूसरा, अबुधाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) थी। इसकी जोमैटो, पॉलिसीबाजार और पेटीएम में भी हिस्सेदारी है। सिंगापुर के सॉवरेन फंडों ने भी इंडिया की न्यू एज कंपनियों में दिलचस्पी दिखाई है।
जीआईसी और टेमासेक का इन कंपनियों में निवेश
सिंगापुर के जीआईसी और टेमासेक के पास जोमैटो को 33.7 करोड़ शेयर हैं। यह कंपनी में 3.8 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। इसके अलावा सिंगापुर सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस की एक स्टेपडाउन सब्सिडिरी की गेमिंग कंपनी नजारा टेक्नोलॉजी में 3 फीसदी हिस्सेदारी है। देल्हीवेरी में उसकी 1.7 फीसदी हिस्सेदारी है।
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मुनाफे में आ रही न्यू एज कंपनियां
इंडियन न्यू एज कंपनियों की स्थिति बेहतर हो रही है। जोमैटो, पॉलिसीबाजार और देल्हीवेरी को FY24 में कम से कम एक तिमाही में मुनाफा हुआ है। मामाअर्थ न सिर्फ लॉस से उबरने में कामयाब रही है बल्कि इसका नेट प्रॉफिट FY24 में पहली बार 100 करोड़ से ज्यादा हो गया। FY24 में नायका का प्रॉफिट दोगुना यानी 40 करोड़ पहुंच गया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन कंपनियों के मुनाफे में आने से सॉवरेन फंडों की दिलचस्पी इन कंपनियों में बढ़ी होगी।