Get App

SpiceJet share price : स्पाइसजेट को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, 5% से ज्यादा भागा शेयर

SpiceJet share price : कलानिधि मारन के मालिकाना हक वाली केएएल एयरवेज ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसमें शेयर हस्तांतरण विवाद में स्पाइसजेट के खिलाफ हर्जाने के दावे को खारिज कर दिया गया था

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 23, 2025 पर 3:14 PM
SpiceJet share price : स्पाइसजेट को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, 5% से ज्यादा भागा शेयर
SpiceJet revival plan : इस साल मार्च तक स्पाइसजेट के ऊपर 4214 करोड़ रुपए का कर्ज था। कंपनी वित्तीय चुनौतियों और विमानों के खड़े होने की परेशानी से जूझ रही है

SpiceJet share price : स्पाइसजेट के शेयर में आज जबरदस्त तेजी है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2015 के एक मामले में कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को बरकार रखा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में KAL एयरवेज के 1300 करोड़ रुपए के दावे को ठुकरा दिया था। यानी स्पाइसजेट को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें मारन के स्वामित्व वाली KAL एयरवेज की याचिका में एयरलाइन के खिलाफ 1,300 करोड़ रुपये के दावे को खारिज कर दिया गया था।

एयरलाइन को राहत देते हुए न्यायमूर्ति पमिदिघंतम श्री नरसिम्हा और न्यायमूर्ति अतुल एस चंदुरकर की पीठ ने कहा, "दोनों विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज की जाती हैं।" मारन के स्वामित्व वाली KAL एयरवेज ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था जिसमें शेयर ट्रांसफर विवाद में स्पाइसजेट के खिलाफ हर्जाने का दावा खारिज कर दिया गया था।

एयरलाइन ने मई में कहा था, "इन दावों की गहन जांच की गई और बाद में सुप्रीम कोर्ट के तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के पैनल ने इन्हें खारिज कर दिया। इसके बाद, KAL एयरवेज और कलानिधि मारन ने दिल्ली उच्च न्यायालय की सिंगल जज बेंच में अपील की और 1300 करोड़ रुपए हर्जाने की मांग की, जिसे भी अदालत ने खारिज कर दिया।"

2015 का क्या है ये मामला?

स्पाइसजेट में कलानिधि मारन और KAL एयरवेज ने अपना हिस्सा ट्रांसफर किया था। इन्होंने अपना हिस्सा फाउंडर अजय सिंह को ट्रांसफर किया था। 58.46 फीसदी हिस्सेदारी ट्रांसफर की गई थी। मारन और KAL एयरवेज का दावा था कि उन्होंने 1300 करोड़ के वारंट और प्रेफरेंस शेयर के लिए रकम अदा की थी। रकम चुकाने के बाद भी उन्हें शेयल नहीं मिले।

स्पाइसजेट की वित्तीय स्थिति की बात करें तो इस साल मार्च तक कंपनी के ऊपर 4214 करोड़ रुपए का कर्ज था। कंपनी वित्तीय चुनौतियों और विमानों के खड़े होने की परेशानी से जूझ रही है। इससे उसकी बाजार हिस्सेदारी कम हुई है। एयरलाइन क्रेडिट सुइस सहित अन्य कंपनियों के साथ भी कर्ज विवादों में उलझी हुई है, जिसके लिए उसे भुगतान करने का आदेश दिये गये हैं।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें