Spunweb Nonwoven IPO Listing: लिस्ट होते ही अपर सर्किट, ₹96 के शेयरों ने पहले ही दिन दिया 65% रिटर्न

Spunweb Nonwoven IPO Listing: स्पनवेब नॉनवुवन डोरमेट, बैग, कालीन और तिरपाल के लिए नॉन-वुवेन फैब्रिक बनाती है। इसके आईपीओ को निवेशकों का हर कैटेगरी के निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था। आईपीओ के तहत सिर्फ नए शेयर जारी हुए हैं। चेक करें कंपनी की कारोबारी सेहत कैसी है और आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कैसे करेगी?

अपडेटेड Jul 21, 2025 पर 4:18 PM
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Spunweb Nonwoven IPO Listing: स्पनवेब नॉनवुवेन का ₹60.98 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 14-16 जुलाई तक खुला था। आज इसके शेयरों की लिस्टिंग हुई है।

Spunweb Nonwoven IPO Listing: स्पनबाउंड नॉन-वुवेन फैब्रिक बनाने वाली देश की सबस बड़ी कंपनियों में शुमार स्पनवेब नॉन-वुवेन के शेयरों की आज NSE SME पर धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 251 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत ₹96 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज NSE SME पर इसकी ₹151.00 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 57.29% का लिस्टिंग गेन (Spunweb Nonwoven Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर यह ₹158.55 (Spunweb Nonwoven Share Price) के अपर सर्किट पर पहुंच गया और इसी पर बंद भी हुआ यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 65.16% मुनाफे में हैं।

Spunweb Nonwoven IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च

स्पनवेब नॉनवुवेन का ₹60.98 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 14-16 जुलाई तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 251.32 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 165.43 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 364.58 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 251.84 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत ₹10 की फेस वैल्यू वाले 63,51,600 नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹29 करोड़ वर्किंग कैपिटल की जरूरतों, ₹10 करोड़ पूर्ण मालिकाना हक वाली सब्सिडिरी SIPL की वर्किंग कैपिटल की जरूरतों के लिए उसमें निवेश, ₹8 करोड़ कर्ज चुकाने और बाकी पैसे आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।


Spunweb Nonwoven के बारे में

वर्ष 2015 में बनी स्पनवेब नॉनवुवन डोरमेट, बैग, कालीन और तिरपाल के लिए नॉन-वुवेन फैब्रिक बनाती है। इसके प्रोडक्ट्स का उत्तरी अमेरिका, यूरोप और मिडिल ईस्ट को निर्यात भी होता है। साथ ही यह श्रीलंका, नेपाल, केन्या और नाइजीरिया जैसे देशों को भी निर्यात होता है। कंपनी के रेवेन्यू का दो-तिहाई से अधिक हिस्सा हाईजीन सेक्टर में फैब्रिक की डिमांड से आता है जबकि बाकी रेवेन्यू मेडिकल, पैकेजिंग, एग्रीकल्चर और कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्रीज से आता है। इसकी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी गुजरात के राजकोट में है। इसके प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में हाइड्रोफोबिक फैब्रिक, हाइड्रोफिलिक फैब्रिक और यूवी-ट्रीटेड फैब्रिक है।

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹1.13 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2024 में उछलकर ₹5.44 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में ₹10.79 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 38% से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹227.14 करोड़ पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान कंपनी का कर्ज भी स्पीड से बढ़ा है और वित्त वर्ष 2023 के आखिरी में ₹49.50 करोड़ और वित्त वर्ष 2024 के आखिरी में ₹48.33 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 के आखिरी में ₹91.16 करोड़ पर पहुंच गया।

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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