मार्केट्स कभी चढ़ता है तो कभी गिरता है। यह मार्केट का स्वभाव है। कई बार चीजें बहुत अच्छी दिखती हैं और शेयरों की कीमतें चढ़ती रहती हैं। कई बार स्थिति बदल जाती है और शेयरों की कीमतें गिरने लगती हैं। ऐसा होने पर कई इनवेस्टर्स घबराहट में अपने शेयर बेचना शुरू कर देते हैं। लेकिन, इतिहास गवाह है कि मार्केट में हर बार रिकवरी आती है। जो इनवेस्टर्स इस उथलपुथल में अपना निवेश बनाए रखते हैं तो उन्हें लंबी अवधि में काफी फायदा होता है।
मार्केट में गिरावट की वजह
पहले मार्केट में गिरावट की वजहों को समझ लेते हैं। इकोनॉमिक स्लोडाउन, इनफ्लेशन, राजनीतिक उठापटक या कंपनी के नाकाम होने से मार्केट में गिरावट आ सकती है। लेकिन, सफल निवेशक शॉर्ट टर्म प्रॉब्लम्स की चिंता नहीं करते हैं। आप अलग-अलग एसेट्स जैसे-स्टॉक्स, बॉन्ड्स और गोल्ड में निवेश कर रिस्क को कम कर सकते हैं और जल्द रिकवर कर सकते हैं। मार्केट में कोई करेक्शन हमेशा जारी नहीं रहता है। आपको अपना धैर्य बनाए रखने, लंबी अवधि का नजरिया रखने और शॉर्ट टर्म के डर को अपने ऊपर हाबी नहीं होने देना चाहिए।
हर गिरावट के बाद मार्केट चढ़ता है
हर बार गिरने के बाद मार्केट ने रिकवरी दिखाई है। जो लोग घबराहट में अपने शेयर बेच देते हैं वे इस रिकवरी का फायदा उठाने का मौका चूक जाते हैं। जो लोग गिरावट के दौर में अपने निवेश को बनाए रखते हैं तो वे बड़ा वेल्थ बनाते हैं। अनुभवी इनवेस्टर्स गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में देखते हैं। आप गिरावट के दौरान कुछ खास स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बफे के सिद्धांत को समझने की जरूरत
मार्केट क्रैश करने पर अच्छी और मजबूत कंपनियों के स्टॉक्स अपनी फेयर वैल्यू के नीचे चले जाते हैं। अनुभवी निवेशक ऐसे स्टॉक्स में कम कीमत पर निवेश के मौके का इस्तेमाल करते हैं। दिग्गज इनवेस्टर वॉरेन बफे का मशहूर सिद्धांत है, "जब दूसरे लोग लालच कर रहे हों तो आपको डरना चाहिए। जबक दूसरे लोग डर रहे हों तो आपको लालच करना चाहिए।" यह सिद्धांत मार्केट के दौरान आज भी लागू होता है।
इनवेस्टमेंट प्लान का ध्यान रखें
आपका विजन लॉन्ग टर्म का होना चाहिए। स्टॉक मार्केट साइकिल में चलता है। मार्केट चढ़ता है फिर गिरता है। इनवेस्टमेंट के प्रदर्शन को शॉर्ट टर्म में मार्केट के उतारचढ़ाव के नजर से नहीं देखना चाहिए। आपको अपने लॉन्ग टर्म गोल को ध्यान में रख अपने इनवेस्टमेंट प्लान के हिसाब से निवेश करना चाहिए। आपको यह समझना होगा कि मार्केट की यह गिरावट आपका नुकसान करने नहीं जा रही है।
SIP से निवेश करना है सबसे अच्छा
SIP आपके इनवेस्टमेंट को ऑटोमैटिक बना देता है। इसका मतलब है कि मार्केट चढ़े या गिरे आपका निवेश नियमित रूप से होता रहता है। सिप से निवेश करने का फायदा यह है कि जब मार्केट गिरता है तो आपको ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं। जब मार्केट चढ़ता है तो आपको कम यूनिट्स एलॉट होती है। इससे आपके इनवेस्टमेंट की कुल कॉस्ट एवरेज हो जाती है। रूपी कॉस्ट एवरेजिंग आपको रिस्क घटाने में मदद करता है। इससे लंबी अवधि में वेल्थ बनता है। इसलिए उतारचढ़ाव के दौर में मार्केट में निवेश के लिए SIP बेस्ट है।