न्यूयॉर्क के स्टेम स्कूल ऑफ बिजनेस में फाइनेंस प्रोफेसर और वैल्यूएशन गुरु अश्वथ दामोदरन (Ashwath Damodaran) ने महंगाई को लेकर आगाह किया है। दामोदरन के मुताबिक अगर स्टॉक मार्केट के निवेशक लांग टर्म में इंफ्लेशन का आकलन कम कर यानी अंडर एस्टीमेट कर रहे हैं तो बाजार में कुछ और समय तक घबराहट रह सकती है।
दामोदरन अपनी क्लास में कॉरपोरेट फाइनेंस और वैल्यूएशन पर लेक्चर देते हैं। वह मुख्य रूप से एमबीए की क्लासेज लेते हैं। इसके अलावा वह ब्लॉग भी लिखते हैं जिसमें वह फाइनेंस से जुड़े कंटेंट पब्लिश करते हैं।
दामोदरन अपने सोमवार 26 सितंबर 2022 के ब्लॉग में लिखते हैं कि निवेशकों उम्मीद जता रहे हैं कि अगले साल महंगाई दर यानी इंफ्लेशन अपने चरम पर होगी और लांग टर्म में इसकी चाल सुस्त रहेगी। निवेशक अनुमान लगा रहे हैं कि लांग टर्म में महंगाई दर पिछले दशक के लेवल पर होगा।
दामोदरन के मुताबिक पिछली सदी के 70 के दशक की तरह यह इंफ्लेशन पर अंडर एस्टीमेट करना होगा और बाजार में घबराहट का दौर इससे बढ़ेगा। दामोदरन के आकलन के मुताबिक 23 सितंबर 2022 को यील्ड कर्व में डिस्टार्शन्स से जो संकेत मिल रहे हैं, वे आने वाले समय में इकॉनमी के लिए बेहतर नहीं हैं।
हाई इंफ्लेशन के क्या हैं रिस्क
दामोदरन के मुताबिक अगर इंफ्लेशन को स्वतंत्र छोड़ दिया जाए या केंद्रीय बैंकों की ऐसी नीतियों जिससे मंदी का दौर शुरू हो, इनमें से किसी एक को चुनना हो तो कुछ ऐसे लोग होंगे जो इंफ्लेशन को स्वतंत्र छोड़ने की वकालत करेंगे। उनका तर्क होगा कि कम इंफ्लेशन बेहतर पॉलिसी नहीं है। हालांकि दामोदरन के मुताबिक हाई और वोलेटाइल इंफ्लेशन से अर्थव्यवस्था डगमगा सकती है और करेंसीज में लोगों का भरोसा कम होगा। इसके चलते निवेशक और कारोबार सही तरीके से आगे नहीं बढ़ पाएंगे।