Stock Market Outlook: इस हफ्ते कैसी रहेगी बाजार की चाल, ये 10 अहम फैक्टर करेंगे तय
Stock Market Outlook: Stock Market Outlook: पिछले हफ्ते की शुरुआती कमजोरी के बाद शेयर बाजार ने जोरदार वापसी की। इस हफ्ते बाजार की दिशा महंगाई, चीन की NPC बैठक, रुपये की चाल के जैसे 10 अहम फैक्टर्स तय करेंगे। जानिए पूरी डिटेल।
अगस्त की रिटेल महंगाई दर का आंकड़ा 12 सितंबर को आने वाला है।
Stock Market Outlook: पिछले हफ्ते आई कमजोरी के बाद भारतीय शेयर बाजार ने 5 सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में जोरदार वापसी की और एक फीसदी से ज्यादा चढ़ गया। हालांकि यह तेजी बहुत मजबूत नहीं मानी जा रही, क्योंकि ऊपरी स्तरों पर दबाव बना हुआ है। इसकी वजह अमेरिका के टैरिफ को लेकर अनिश्चितता और लगातार FII की बिकवाली है।
GST दरों में सुधार और कच्चे तेल की नरमी ने बाजार को सहारा दिया, लेकिन वैश्विक व्यापार तनाव और विदेशी पूंजी का बाहर जाना निवेशकों की चिंता बढ़ाता रहा। इस बीच, सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ने से सोने की कीमतें रिकॉर्ड 3,655.5 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस तक पहुंच गईं।
विशेषज्ञों का कहना है कि 8 सितंबर से शुरू हो रहे हफ्ते में बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। निवेशकों की नजर भारत और अमेरिका की महंगाई दर, चीन की NPC बैठक, यूरोपियन सेंट्रल बैंक की ब्याज दर का फैसला, अमेरिकी जॉब्स डेटा और भारत-अमेरिका ट्रेड डील से जुड़ी खबरों पर रहेगी।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सिद्धार्थ खे़मका ने कहा कि ग्लोबल अनिश्चितताओं और टैरिफ बढ़ोतरी के बावजूद GST सुधार और घरेलू इकोनॉमी के मजबूत संकेत निकट भविष्य में बाजार को सहारा देंगे। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के विनोद नायर ने भी माना कि सेंटिमेंट मिला-जुला रह सकता है और इस माहौल में मल्टी-एसेट इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी को ज्यादा अहमियत मिलेगी।
इस हफ्ते यानी 8 से 12 सितंबर के बीच शेयर बाजार की दशा और दिशा कैसी रहेगी, इसे 10 अहम फैक्टर तय करेंगे। आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं।
भारत का महंगाई डेटा
अगस्त की रिटेल महंगाई दर का आंकड़ा 12 सितंबर को आने वाला है। यह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के लिए अहम होगा, क्योंकि 29 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच ब्याज दरों पर बड़ा फैसला होना है। जुलाई में महंगाई घटकर 1.55% पर आ गई थी, जो जून में 2.1% थी। यह पहली बार था जब महंगाई RBI के तय दायरे (2-6%) से नीचे गई। इससे लोगों को उम्मीद जगी थी कि RBI दरों में कटौती कर सकता है। लेकिन अब ज्यादातर अर्थशास्त्री मानते हैं कि महंगाई अपने निचले स्तर पर पहुंच चुकी है।
RBI ने अगस्त की बैठक में साफ किया था कि वह नई कटौती करने से पहले, पिछले 100 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती का असर देखना चाहता है। फिलहाल उसका ध्यान ग्रोथ पर है, हालांकि एक और रेट कट की गुंजाइश से इनकार नहीं किया जा सकता।
इसी दिन यानी 12 सितंबर को बैंक लोन और डिपॉजिट ग्रोथ (29 अगस्त तक का) और फॉरेक्स रिजर्व (5 सितंबर तक का) का डेटा भी जारी होगा।
अमेरिका की महंगाई का डेटा
दुनिया की नजर अब 11 सितंबर को आने वाले अमेरिका के महंगाई आंकड़े पर है। जुलाई में महंगाई 2.7% थी और माना जा रहा है कि अगस्त में इसमें थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। यह आंकड़ा फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर होने वाले फैसले के लिए बेहद अहम होगा।
इसके साथ ही अमेरिका के वीकली जॉब्स डेटा और सितंबर महीने के लिए मिशिगन इन्फ्लेशन एक्सपेक्टेशंस का पहला अनुमान भी बाजार की दिशा तय करेगा।
चीन के सांसद की मीटिंग
अगले हफ्ते चीन की संसद यानी 14वीं नेशनल पीपल्स कांग्रेस और उसकी स्टैंडिंग कमेटी का 17वां सेशन भी चर्चा में रहेगा। यह बैठक 8 से 12 सितंबर के बीच होगी।
चाइना डेली की रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान सांसद कई अहम ड्राफ्ट कानूनों पर चर्चा करेंगे। इनमें एटॉमिक एनर्जी, पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी, नेशनल पार्क्स, खतरनाक केमिकल्स की सेफ्टी और अन्य मुद्दे शामिल होंगे। इसके अलावा साइबरसिक्योरिटी लॉ में संशोधन और सर्बिया के साथ प्रत्यर्पण संधि जैसे प्रस्तावों पर भी विचार किया जाएगा।
ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा
अमेरिका के आर्थिक आंकड़ों और चीन की संसद की बैठक के अलावा, अगले हफ्ते यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ECB) की पॉलिसी मीटिंग और जापान की अप्रैल-जून तिमाही (Q2) की फाइनल GDP ग्रोथ दर भी बाजार की नजर में रहेगी।
ज्यादातर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ECB अपनी 11 सितंबर को होने वाली पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरें 2.15% पर स्थिर रखेगा। बैंक अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी का यूरोप की आर्थिक ग्रोथ और महंगाई पर पूरा असर देखना चाहता है, ताकि आगे की रेट कट पर फैसला ले सके। जुलाई में हुई पिछली मीटिंग में ECB ने लगातार आठ बार की गई रेट कट के बाद अपनी मौद्रिक ढील नीति खत्म कर दी थी। वहीं, अगस्त में शुरुआती अनुमान के मुताबिक महंगाई जुलाई के 2% से बढ़कर 2.1% हो गई।
इसके अलावा शुरुआती अनुमानों के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ के बावजूद जापान की अर्थव्यवस्था Q2-2025 में 0.3% बढ़ी, जबकि Q1 में संशोधित आंकड़ा सिर्फ 0.1% था।
FII का रुख
मार्केट में इस हफ्ते फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) की गतिविधि पर भी नजर रहेगी। सितंबर के पहले हफ्ते में एफआईआई नेट सेलर बने रहे, भले ही सरकार ने GST सुधार करके खपत बढ़ाने की कोशिश की। FII को ऊंचे शेयर भाव, ट्रंप टैरिफ और भारत-अमेरिका ट्रेड डील की अनिश्चितता की चिंता रही।
पिछले हफ्ते FII ने लगभग ₹5,667 करोड़ के शेयर बेचे, लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने खरीदी कर इस बिकवाली का असर पूरी तरह कम कर दिया। DIIs ने ₹13,444 करोड़ के शेयर खरीदे।
भारतीय रुपये का हाल
रुपये पर भी ध्यान रहेगा। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया हफ्ते में 88.3625 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिरा और हफ्ता 88.1430 पर खत्म हुआ। यह लगातार दूसरे हफ्ते कमजोरी दिखा रहा है। वजह रही लगातार एफआईआई की बिकवाली और भारत-अमेरिका ट्रेड डील की अनिश्चितता। हालांकि, आरबीआई ने गिरावट रोकने के लिए हस्तक्षेप किया और डॉलर इंडेक्स की कमजोरी व तेल की कीमतों में नरमी ने थोड़ी राहत दी।
करेंसी फ्यूचर्स में पिछले हफ्ते डोजी जैसे पैटर्न बने, जो बुल्स और बियर्स के बीच असमंजस दिखाते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले हफ्ते में रुपया अस्थिर रह सकता है। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स हफ्तेभर में 0.12% गिरकर 97.737 पर आ गया। कमजोर जॉब्स डेटा की वजह से यह सभी प्रमुख मूविंग एवरेज से नीचे बना रहा और पिछले कई हफ्तों से अनिर्णय वाले पैटर्न दिखा रहा है।
IPO ऑक्शन
अगले हफ्ते प्राइमरी मार्केट काफी एक्टिव रहेगा, भले ही सेकेंडरी मार्केट थोड़ी अस्थिर और रेंज में रहे। निवेशकों को 10 नए IPO देखने को मिलेंगे। इसमें तीन मेनबोर्ड के हैं- Urban Company, Shringar House of Mangalsutra, और Dev Accelerator, कुल ₹2,444 करोड़ के, जो 10 सितंबर को खुलेंगे।
बाकी सात IPO SME सेक्शन से हैं- Krupalu Metals, Nilachal Carbo Metalicks, Karbonsteel Engineering, Taurian MPS, Jay Ambe Supermarkets, Airfloa Rail Technology, और LT Elevator। साथ ही, पिछले हफ्ते खुले SME IPOs- Austere Systems, Vigor Plast India, Sharvaya Metals, और Vashishtha Luxury Fashion अगले हफ्ते बंद होंगे।
लिस्टिंग की बात करें तो सात कंपनियां शेयर बाजार में डेब्यू करेंगी। मेनबोर्ड से सिर्फ Amanta Healthcare है, बाकी छह- Rachit Prints, Goel Construction Company, Optivalue Tek Consulting, Austere Systems, Vigor Plast India, और Sharvaya Metals SME सेक्शन से हैं।
टेक्निकल नजरिया
टेक्निकल तौर पर मार्केट मूड सतर्क रहा, लेकिन 1% से ज्यादा की रैली भी हुई। Nifty 50 ने वीकली टाइमफ्रेम में बुलिश कैंडल बनाई, जिसमें लंबी ऊपरी छाया रही। इसका मतलब है कि ट्रेंड पॉजिटिव है, लेकिन उच्च स्तर पर बिकवाली का दबाव भी दिखा। इंडेक्स ने 24,400 पर सपोर्ट लिया और 20-सप्ताह EMA के ऊपर बंद हुआ। लेकिन Bollinger Bands की मिडलाइन (24,775) और पिछले हफ्ते के हाई (25,000) के ऊपर टिक नहीं सका।
इसलिए एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगले हफ्ते इंडेक्स 24,400-25,000 के बीच रह सकता है। 25,000 के ऊपर जाने पर 25,200-25,250 तक का रास्ता खुल सकता है। वहीं, 24,400 से नीचे गिरने पर 24,300 महत्वपूर्ण सपोर्ट होगा, और इसके नीचे बाजार में बियर्स पूरी तरह कंट्रोल ले सकते हैं।
F&O का हाल
वीकली ऑप्शंस डेटा के हिसाब से अगले हफ्ते Nifty 50 24,500 से 25,000 के रेंज में रहने की संभावना है। इस रेंज का साफ टूटना किसी भी दिशा में मार्केट की ठोस दिशा दिखा सकता है।
सबसे ज्यादा Call open interest 25,000 स्ट्राइक पर है, इसके बाद 25,500 और 24,900 स्ट्राइक हैं। सबसे ज्यादा Call writing 25,100, 25,400 और 24,700 स्ट्राइक पर हुई। Put open interest सबसे ज्यादा 24,000 स्ट्राइक पर है, इसके बाद 24,500 और 24,600 स्ट्राइक हैं। सबसे ज्यादा Put writing 24,000, 24,650 और 24,800 स्ट्राइक पर हुई।
इस बीच fear index India VIX पिछले हफ्ते दो साल के निचले स्तर पर आ गया, जो बुल्स के लिए अच्छा है। लेकिन, लो लेवल होने की वजह से तेज मूव के लिए सतर्क रहने की जरूरत है। VIX 8.27% गिरकर 10.78 पर आया, जो 9 अक्टूबर 2023 के बाद का सबसे कम स्तर है। कुल मिलाकर, यह इंडेक्स जुलाई के मध्य से रेंज में ही ट्रेड कर रहा है।
कॉर्पोरेट एक्शन
अगले हफ्ते कुछ कंपनियों में महत्वपूर्ण कॉर्पोरेट अपडेट्स भी देखने को मिलेंगे। इनमें डिविडेंड और बोनस इश्यू की रिकॉर्ड डेट भी शामिल हैं। (देखें चार्ट)
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