शुक्रवार, 5 दिसंबर को घरेलू शेयर बाजारों में खासी तेजी रही। सेंसेक्स 447.05 अंक या 0.52 प्रतिशत चढ़कर 85,712.37 पर बंद हुआ। निफ्टी 152.70 अंक या 0.59 प्रतिशत बढ़कर 26,186.45 पर पहुंच गया। रेपो रेट में कटौती और नकदी बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक के नीतिगत कदमों की घोषणा से बाजार ने तेजी पकड़ी। BSE मिडकैप इंडेक्स में 0.21 प्रतिशत की तेजी रही, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.67 प्रतिशत की गिरावट रही।
इससे पहले गुरुवार को भी शेयर बाजार बढ़त में बंद हुए थे। वीकली बेसिस पर सेंसेक्स में महज 5.7 अंक की बढ़त रही, जबकि निफ्टी 16.5 अंक के नुकसान में रहा। नए सप्ताह में बाजार की चाल किन फैक्टर्स के बेसिस पर तय होगी, आइए जानते हैं...
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की मीटिंग 9-10 दिसंबर को होने जा रही है। ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें बरकरार हैं। फेड का फैसला नए सप्ताह में बाजार की चाल तय करने के लिए प्रमुख फैक्टर होगा। इसके अलावा प्रमुख अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। 9 दिसंबर को अमेरिका में रोजगार के आंकड़े जारी होंगे।
इस सप्ताह बाजार 12 दिसंबर को भारत के खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी होंगे। इन पर निवेशक बारीकी से नजर रखेंगे।
निवेशक रुपये की चाल पर भी नजर रखेंगे। यह पिछले सप्ताह डॉलर के मुकाबले 90 के स्तर तक लुढ़क गया था। शुक्रवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 6 पैसे टूटकर 89.95 पर बंद हुआ।
दिसंबर महीने के पहले हफ्ते में FPI ने भारतीय शेयर बाजारों से 11,820 करोड़ रुपये निकाले। नवंबर में FPI ने भारतीय शेयरों से 3765 करोड़ रुपये निकाले थे। 2025 में उनकी ओर से कुल सेलिंग 1.55 लाख करोड़ रुपये हो गई। एनालिस्ट्स के अनुसार, ताजा बिकवाली का मुख्य कारण मुद्रा संबंधी चिंताएं हैं। भारत-अमेरिका ट्रेड डील के फाइनल होने में देरी ने ग्लोबल सेंटिमेंट को और कमजोर किया है।
Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।