यह हफ्ता शेयरों के निवेशकों के लिए बहुत खराब रहा। पूरे हफ्ते मार्केट्स में गिरावट देखने को मिली। इससे बाजार के प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी ने पिछले कुछ हफ्तों में हासिल ज्यादातर बढ़त गंवा दी। 29 अगस्त के अपने निचले स्तर से निफ्टी करीब 1,000 प्वाइंट्स चढ़ा था। पिछले हफ्ते यह 25,450 के हाई पर पहुंच गया था। इसने इसका दो-तिहाई हिस्सा गंवा दिया है।
इस साल फरवरी के बाद से यह Stock Markets के लिए सबसे खराब हफ्ता रहा। इस हफ्ते आई गिरावट में इनवेस्टर्स के 16 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। इनवेस्टर्स को आगे गिरावट बढ़ने का डर सता रहा है। ऐसा लगता है कि बेयर्स ने फिर से पूरे बाजार को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। 26 सितंबर को लगातार छठे दिन बाजार गिरा। हफ्ते के आखिरी दिन बाजार पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फार्मा सेक्टर पर 100 फीसदी टैरिफ का असर पड़ा। इस हफ्ते Sensex और Nifty दोनों में ही 2.6 फीसदी गिरावट आई।
इन चार वजहों से फिसला बाजार:
आईटी शेयरों पर दबाव बढ़ा है। TCS, HCL Tech, Infosys जैसी दिग्गज आईटी कंपनियों के शेयरों में 26 सितंबर को लगातार छठे दिन गिरावट आई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ने एच-1बी वीजा की फीस बढ़ाकर 1,00,000 डॉलर कर दी है। इसका असर भारतीय आईटी कंपनियों पर पड़ेगा। सबसे ज्यादा असर टीसीएस पर पड़ने का अनुमान है। यह इंडिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है। टीसीएस का शेयर गिरकर 52 हफ्ते के सबसे निचले स्तर पर आ गया है।
2. फार्मा पर 100 फीसदी टैरिफ
डोनाल्ड ट्रंप ने फार्मा सेक्टर पर 100 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। इसका असर 26 सितंबर को भारतीय फार्मा कंपनियों पर दिखा। Sun Pharma, Lupin, Aurobindo Pharma, Gland Pharma और Cipla जैसी कंपनियों के शेयरों में 10 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली। फार्मा पर 100 फीसदी अमेरिकी टैरिफ 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा। अभी ट्रंप ने पेटेंटेड दवाओं पर 100 फीसदी टैरिफ गया है। अगर जेनरिक दवाओं पर यह लागू हुआ तो भारतीय दवा कंपनियों पर काफी असर पड़ेगा।
3. Nifty Bank की चमक फीकी पड़ी
बीते एक महीनों में मार्केट में आई तेजी में Nifty Bank की बड़ी भूमिका थी। लेकिन, इस हफ्ते निफ्टी बैंक की चमक फीकी पड़ गई है। निफ्टी बैंक से मार्केट को सपोर्ट नहीं मिला। निफ्टी बैंक 55,000 के मनोवैज्ञानिक लेवल से नीचे चला गया है। इससे मार्केट के प्रमुख सूचकांक निफ्टी पर दबाव बढ़ गया है।
4. टेक्निकल लेवल दबाव में
टेक्निकल इंडिकेटर्स पर दबाव दिख रहा है। निफ्टी में तेजी के लिए 25,500 का लेवल टूटना जरूरी है। निफ्टी इस लेवल को तोड़ नहीं पा रहा है। इससे टेक्निकल पैमानों पर दबाव का संकेत मिल रहा है। निफ्टी 1000 प्वाइंट्स की रैली से 61.8 फीसदी रिट्रेसमेंट दिखा चुका है। इसने अहम सपोर्ट लेवल तोड़ा है। इससे बाजार पर बड़ा दबाव दिख रहा है।
एनालिस्ट्स का कहना है कि शॉर्ट टर्म में बाजार में कमजोरी जारी रहने के संकेत दिख रहे हैं। एसबीआई सिक्योरिटीज के हेड (टेक्निकल रिसर्च एंड डेरिवेटिव) सुदीप शाह ने कहा, "आरएसआई का ट्रेंड नीचे का है। यह 40 के नीचे पहुंच गया है, जिससे मार्केट में और गिरावट के संकेत दिख रहे हैं। अगर निफ्टी 24,450 से नीचे जाता है तो फिर यह 24,200 तक गिर सकता है। रेसिस्टेंस 24,850-24,900 पर दिख रहा है।"
रेलिगेयर ब्रोकिंग के एसवीपी (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा, "मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में तेज गिरावट से सेंटिमेंट काफी खराब हो गया है। ऐसे में निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह है। उन्हें एग्रेसिव डायरेक्शनल दांव लगाने से बचना चाहिए। इनवेस्टर्स को उन कंपनियों के स्टॉक्स पर फोकस करना चाहिए, जो बुनियादी रूप से मजबूत हैं।" उन्होंने कहा कि इनवेस्टर्स को तब तक जल्दबाजी दिखाने से बचना चाहिए, जब तक बाजार की तस्वीर साफ नहीं हो जाती।