Stock Markets in 2026: शेयरों के लिए कैसा रहेगा नया साल, किन 5 सेक्टर्स में निवेश से होगा सबसे ज्यादा मुनाफा?

2026 ऐसा साल होगा, जब जीडीपी की स्ट्रॉन्ग ग्रोथ के साथ इनफ्लेशन काबू में होगा। यह सपोर्टिव मॉनेटरी पॉलिसी के लिए अनुकूल स्थिति है। इनफ्लेशन कंट्रोल में होने से आरबीआई के पास इंटरेस्ट रेट घटाने और लिक्विडिटी बढ़ाने के मौके हैं। घरेलू निवेशक अब एक बड़ी ताकत के रूप में सामने आए हैं

अपडेटेड Dec 23, 2025 पर 8:52 PM
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2026 में नजरें कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ पर होंगी।

साल 2025 खत्म होने जा रहा है। यह साल स्टॉक मार्केट के रिटर्न के लिहाज से शानदार नहीं रहा। लेकिन, यह इकोनॉमी की स्ट्रॉन्ग ग्रोथ, कम इनफ्लेशन और ऐसे इनवेस्टर बेस के लिए याद किया जाएगा, जिसका भरोसा लंबी अवधि के निवेश में है। इस बुनियाद की बदौलत हम उम्मीद के साथ नए साल 2026 में प्रवेश करने जा रहे हैं।

2026 ऐसा साल होगा, जब जीडीपी की स्ट्रॉन्ग ग्रोथ के साथ इनफ्लेशन काबू में होगा। यह सपोर्टिव मॉनेटरी पॉलिसी के लिए अनुकूल स्थिति है। इनफ्लेशन कंट्रोल में होने से आरबीआई के पास इंटरेस्ट रेट घटाने और लिक्विडिटी बढ़ाने के मौके हैं। घरेलू निवेशक अब एक बड़ी ताकत के रूप में सामने आए हैं। इस वजह से ग्लोबल संकेतों पर इंडियन मार्केट्स उस तरह के प्रतिक्रिया नहीं दिखाता, जैसा पहले दिखाता था। हमारी इकोनॉमी इतनी मजबूत है कि यह विदेश से लगने वाले झटकों को बर्दाश्त कर सकती है।

2026 में नजरें कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ पर होंगी। बीते 18-24 महीनों में कंपनियों को इनपुट्स कॉस्ट में इजाफा का सामना करना पड़ा। उसे हाई इंटरेस्ट रेट्स के साथ एडजस्ट करना पड़ा। अब मार्जिन बढ़ने लगा है। डिमांड स्ट्रॉन्ग है। कंपनियों की बैलेंसशीट पहले के मुकाबले साफसुथरी हैं। इसलिए अगर अगले साल अर्निंग्स ग्रोथ अच्छी रहती है तो मार्केट में ऐसी तेजी दिखेगी जो टिकाऊ होगी।


इन सेक्टर में इनवेस्टर्स के लिए मौके दिख सकते हैं:

1. मैन्युफैक्चरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर

डिफेंस, इलेट्रॉनिक्स और कैपिटल गुड्स जैसे सेक्टर्स में कपैसिटी क्रिएशन हुआ है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार के खर्च जारी रहने से इस बदलाव को मजबूती मिली है। ऐसे में लॉजिस्टिक्स, पावर और इंजीनियरिंग से जुड़ी कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है।

2. फाइनेंशियल्स

इंटरेस्ट रेट्स में नरमी आ रही है और क्रेडिट डिमांड बढ़ रही है। यह बैंक और एनबीएफसी के लिए ग्रोथ का बड़ा मौका है। एसेट क्वालिटी स्ट्रॉन्ग है। कैपिटल की कमी नहीं है। इससे इकोनॉमी में क्रेडिट ग्रोथ रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है। यह सेक्टर देश की इकोनॉमी का आईना होगा।

3. टेक्नोलॉजी

दो साल की सुस्ती के बाद आईटी सेक्टर ऐसे फेज में प्रवेश कर रहा है, जिसमें ग्लोबल डिमांड सामान्य होने की उम्मीद है। दुनियाभर में इंटरेस्ट रेट में नरमी से कंपनियां डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर फोकस बढ़ाएंगी। क्लाउंड और एआई में दिलचस्पी बढ़ेगी। आईटी सेक्टर का प्रदर्शन पहले जितना शानदार नहीं होगा, लेकिन 2026 इस सेक्टर के लिए लंबे सफर की अच्छी शुरुआत हो सकता है।

4. कंजम्प्शन

कंजम्पशन ऐसा सेक्टर है, जिसमें सबसे ज्यादा स्ट्रेंथ दिख रहा है। स्टेपल्स से लेकर डिस्क्रेशनरी तक में डिमांड स्ट्रॉन्ग बने रहने की उम्मीद है। शहरी इलाकों में कंजम्प्शन स्ट्रॉन्ग रहेगा। ग्रामीण इलाकों में हालात बेहतर होने के शुरुआती संकेत दिखने लगे हैं। ऑटो, रिटेल, क्यूएसआर और कंज्यूमर फाइनेंस कंपनियों को इस ट्रेंड का फायदा मिल सकता है।

5. इमर्जिंग थीम

हेल्थकेयर, रिन्यूएबल्स, ईवी ईकोसिस्टम और एनर्जी ट्रांजिशन में लंबी अवधि का निवेश देखने को मिलेगा। इन सेक्टर्स की ग्रोथ सबसे ज्यादा नहीं होगी। लेकिन इनमें अगले कई सालों में कंपाउंडिंग का मौका है।

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मार्केट्स के लिए कुछ रिस्क भी हैं। ऑयल की कीमतों में उछाल से माहौल खराब हो सकता है। जियोपॉलिटिकल स्टैबिलिटी बिगड़ने का असर इंडिया पर भी पड़ेगा। इधर, मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स की वैल्यूएशंस पर नजर रहेगी। पिछले दो सालों में दोनों सेगमेंट का रिटर्न बहुत अच्छा रहा है। ऐसे में 2026 में सेलेक्टिंग इनवेस्टिंग पर फोकस करना होगा।

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