इनफ्लेशन के मोर्चे पर अच्छी खबर आई है। जनवरी में रिटेल इनफ्लेशन घटकर 4.31 फीसदी पर आ गया। यह बीते पांच महीनों में सबसे कम इनफ्लेशन है। दिसंबर में इनफ्लेशन 5.22 फीसदी था। एनालिस्ट्स का मानना है कि फरवरी में भी इनफ्लेशन में नरमी देखने को मिलेगी। इसका मतलब है कि इस फाइनेंशियल ईयर में इनफ्लेशन आरबीआई के 4.8 फीसदी अनुमान के करीब रहेगा। जनवरी में इनफ्लेशन में कमी लगातार तीसरी अच्छी खबर है।
पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2025 (Union Budget) में लोगों को टैक्स में बड़ी राहत का ऐलान किया। उसके बाद रिजर्व बैंक (RBI) ने इंटरेस्ट में कमी कमी की। इससे लोगों के होम लोन की ईएमआई घटेगी। इन तीनों से इकोनॉमी में कंजम्प्शन बढ़ेगा।
रिटेल इनफ्लेशन में उम्मीद से ज्यादा कमी का असर 13 फवरी को स्टॉक मार्केट पर देखने को मिला। बाजार के प्रमुख सूचकांक Sensex और Nifty हरे निशान में नजर आए। इनफ्लेशन में कमी जारी रहती है तो अगले कुछ महीनों में RBI इंटरेस्ट रेट में और कमी कर सकता है। यह इकोनॉमी और स्टॉक मार्केट के लिए अच्छी खबर होगी। लोन सस्ता होने से प्राइवेट कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ेगा। इसका इकोनॉमिक ग्रोथ पर पॉजिटिव असर पड़ेगा।
आयशर मोटर्स के स्टॉक में 12 फरवरी को गिरावट आई। यह 2.4 फीसदी गिरकर 4,855 रुपये पर बंद हुआ। 13 फरवरी को भी Eicher Motors का शेयर दबाव में नजर आया। यह 0.85 फीसदी गिरकर 4,808 रुपये पर चल रहा था। शेयरों की कीमतों में गिरावट की वजह कंपनी के तीसरी तिमाही के नतीजे हैं। कंपनी का प्रदर्शन दिसंबर तिमाही में उम्मीद से कमजोर रहा है। इंडिया में रॉयल एनफील्ड की सेल्स दिसंबर तिमाही में 13 फीसदी बढ़ी है। कंपनी के नए मॉडल्स की मांग स्ट्रॉन्ग है। कंपनी मार्केटिंग की एग्रेसिव स्ट्रेटेजी अपना रही है। इससे सेल्स की ग्रोथ अच्छी बने रहने की उम्मीद है। ब्रोकरेज फर्म ICICI Securities ने आगे मार्जिन उम्मीद से कम रहने का अनुमान जताया है।
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बिड़लासॉफ्ट के शेयरों में 12 फरवरी को कमजोरी देखने को मिली। दिसंबर तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट घटा है। 13 फरवरी को शुरुआती कारोबार में Birlasoft के शेयरों में हल्की तेजी दिखी। कंपनी का फोकस नई डील पर है। कंपनी अपनी क्षमता भी बढ़ाने की कोशिश कर रही है। मैनेजमेंट को अगली दो-तीन तिमाहियों में स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है। लेकिन, इस वित्त वर्ष में कंपनी की टोटल कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू कमजोर बनी हुई है। ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने कहा है कि यह FY26 में ग्रोथ पर असर डाल सकता है। चौथी तिमाही में भी कंपनी के रेवेन्यू में गिरावट का अनुमान है।