Stock Markets: जुलाई में Sensex और Nifty 2.5% गिरे, एवरेज डेली टर्नओवर में भी तेज गिरावट

Stock Markets: जुलाई में कैश मार्केट के साथ ही डेरिवेटिव्स सेगमेंट में ट्रेडिंग एक्टिविटी में तेज गिरावट आई। कैश मार्केट में डेली एवरेज टर्नओवर जून के मुकाबले 16 फीसदी गिरकर 1.02 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। डेरिवेटिव्स सेगमेंट में भी डेली एवरेज टर्नओवर जून के मुकाबले 6 फीसदी घट गया

अपडेटेड Aug 01, 2025 पर 11:17 AM
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इस साल अप्रैल-जून में अच्छी रिकवरी के बाद मार्केट कंसॉलिडेशन फेज में चला गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने माहौल को और खराब किया।

जुलाई में ट्रेडिंग एक्टिविटी में गिरावट आई है। पिछले महीने कैश मार्केट में एवरेज डेली टर्नओवर में बीते 21 महीने में सबसे तेज गिरावट देखने को मिली। डेरिवेटिव्स सेगमेंट में बीते 7 महीनों की सबसे तेज गिरावट आई। बीएसई और एनएसई के डेटा के मुताबिक, कैश मार्केट में कंबाइंड एवरेज डेली टर्नओवर जुलाई में गिरकर 1.02 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। यह जून के 1.22 लाख करोड़ रुपये के एवरेज डेली टर्नओवर के मुकाबले 16 फीसदी कम है। यह अक्टूबर 2023 के बाद से एवरेज डेली टर्नओवर में सबसे तेज गिरावट है।

डेरिवेटिव्स सेगमेंट का एवरेज डेली टर्नओवर 6 फीसदी घटा

डेरिवेटिव्स सेगमेंट (Derivaties Segment) में एवरेज डेली टर्नओवर जुलाई में घटकर 204.20 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। यह जून के 217.20 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 6.22 कम है। दिसंबर 2024 के बाद से यह सबसे तेज गिरावट है। SBI Securities के सन्नी अग्रवाल ने कहा कि जुलाई में मार्केट सेंटिमेंट कमजोर रहा, जिसकी वजह अमेरिका के साथ ट्रेड डील की डेडलाइन थी। मार्केट एक्टिविटी पर जून तिमाही के नतीजों का भी असर पड़ा। कुछ कंपनियों के नतीजों को छोड़ दिया जाए तो नतीजें उत्साह बढ़ाने वाले नहीं रहे।


बीते चार हफ्तों से मार्केट में गिरावट का ट्रेंड जारी

अग्रवाल ने बताया, "बीते चार हफ्तों से मार्केट में गिरावट के ट्रेंड के बीच कारोबार हो रहा है। इससे सेंटीमेंट कमजोर बना हुआ है।" उन्होंने कहा कि पिछले साल नवंबर से डेरिवेटिव्स (F&O) सेगमेंट में कई नियमों में बदलाव हुआ है। स्पेकुलेटिव एक्टिविटी पर अंकुश लगाना इसका मकसद था। इन नियमों का असर भी मार्केट के सेंटिमेंट पर पड़ा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जुलाई में घरेलू और ग्लोबल फैक्टर्स का असर भी मार्केट सेंटिमेंट पर पड़ा।

अप्रैल-जून में रिकवरी के बाद मार्केट कंसॉलिडेशन फेज में

इस साल अप्रैल-जून में अच्छी रिकवरी के बाद मार्केट कंसॉलिडेशन फेज में चला गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने माहौल को और खराब किया। इस वजह से मार्केट में स्पेकुलेटिव और ओवरऑल पार्टिशिपेशन में गिरावट आई। उधर, प्राइमरी मार्केट यानी आईपीओ मार्केट में अच्छी हलचल रही। कई आईपीओ और क्यूआईपी लॉन्च हुए जिससे लिक्विडिटी सेकेंडरी मार्केट से प्राइमरी मार्केट में आई।

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जुलाई में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 2.5 फीसदी गिरावट

जुलाई में अगर मार्केट के रिटर्न की बात करें तो Sensex और निफ्टी दोनों ही में 2.5-2.5 फीसदी की गिरावट आई। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में से दोनों में 1.5 फीसदी की गिरावट आई। 1 अगस्त को मार्केट का रुख मिलाजुला दिखा। करीब 11 बजे निफ्टी 0.08 फीसदी की कमजोरी दिखा रहा था, जबकि सेंसेक्स 0.02 फीसदी ऊपर चल रहा था।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Aug 01, 2025 11:03 AM

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