पाकिस्तान के साथ युद्ध भड़का तो भी क्या इंडियन मार्केट्स में बड़ी गिरावट नहीं आएगी?

पिछले कुछ हफ्तों में इंडियन मार्केट्स को लेकर विदेशी निवेशकों का रुख बदला है। इसका असर मार्केट्स पर दिखा है। मार्केट्स के प्रमुख सूचकांक अप्रैल के अपने निचले स्तर से रिकवर कर चुके हैं। पाकिस्तान के आंतकी ठिकानों पर इंडिया के एक्शन का असर भी स्टॉक मार्केट्स पर नहीं पड़ा

अपडेटेड May 08, 2025 पर 9:59 AM
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एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर जारी रहता है तो इंडिया निवेश के लिए सबसे अच्छा डेस्टिनेशन होगा।

भारत दूसरे उभरते बाजारों के मुकाबले अच्छी स्थिति में है। इंडिया में दूसरे उभरते बाजारों के मुकाबले ज्यादा स्थिरता है। ग्रोथ के लिहाज से भी इंडिया ज्यादा अट्रैक्टिव है। हालांकि, इंडिया का एक साल का फॉरवर्ड पी/ई मल्टीपल करीब 21 गुना है, जो एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स की 12 गुना वैल्यूएशन के मुकाबले ज्यादा है। दरअसल, कोविड के बाद इंडियन मार्केट्स की वैल्यूएशन बढ़ी है, जिसमें अच्छी कॉर्पोरेट अर्निंग्स और घरेलू निवेशकों के स्ट्रॉन्ग इनफ्लो का हाथ है।

विदेशी निवेशकों ने शुरू किया इंडिया में निवेश

2025 में म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) की स्कीमों में निवेश में थोड़ी सुस्ती दिखी। इसकी वजह यह है कि निवेशकों को लग रहा है कि आगे मार्केट से रिटर्न कमजोर रह सकता है। कमजोर अर्निंग्स ग्रोथ से भी इस सोच को बल मिला है। इस बीच, फॉरेन इनवेस्टर्स (Foreign Investors) ने फिर से इंडियन मार्केट्स में निवेश करना शुरू कर दिया है। यह इंडियन मार्केट्स के लिए अच्छा है। पिछले कुछ हफ्तों में विदेशी निवेशकों ने इंडिया में काफी निवेश किया है।


इस वजह से फॉरेन इनवेस्टर्स कर रहे निवेश

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के डेटा के मुताबिक, फॉरेन फंडों ने मार्च में इंडियन मार्केट्स के लिए ऐलोकेशन बढ़ाया। एमके रिसर्च की रिपोर्ट में भी यह बात कही गई है। RBI के इंटरेस्ट रेट में कमी करने से इंडियन मार्केट्स का अट्रैक्शन बढ़ा है। उधर, अमेरिका में रिसेशन का डर बढ़ने से भी फॉरेन इनवेस्टर्स इंडिया जैसे बाजारों का रुख कर रहे हैं। विदेशी निवेशकों के इंडियन मार्केट्स में फिर से दिलचस्पी दिखाने की एक बड़ी वजह यह है कि हालिया करेक्शन के बाद वैल्यूएशन घटी है।

इंडियन मार्केट्स का आकर्षण इन वजहों से बना रहेगा

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर जारी रहता है तो इंडिया निवेश के लिए सबसे अच्छा डेस्टिनेशन होगा। इंडिया ने UK के साथ व्यापार को लेकर एक बड़ा समझौता किया है। इससे भी विदेशी निवेशकों को इंडिया में निवेश करना फायदेमंद लग रहा है। दुनिया के कुछ दूसरे बड़े देशों के साथ भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के लिए भारत बातचीत कर रहा है। अगर ये एग्रीमेंट होते हैं तो इनसे इंडिया को काफी फायदा होगा।

बाजार की चाल पाकिस्तान के साथ टेंशन पर निर्भर

अब नजरें पाकिस्तान के साथ टकराव पर लगी हैं। अगर दोनों देशों में लड़ाई पूरी तरह से भड़कती है तो इसका असर विदेशी निवेशकों के सेंटिमेंट पर पड़ेगा। इससे इंडियन मार्केट्स में निवेश का अट्रैक्शन घट सकता है। जेफरीज के एनालिस्ट्स का कहना है कि फिलहाल ऐसा लगता है कि इंडिया बड़ी सैन्य कार्रवाई नहीं करेगा। इसलिए दोनों देशों के बीच युद्ध पूरी तरह से भड़कने की संभावना कम लग रही है।

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लड़ाई बढ़ने पर इंडियन मार्केट्स में आ सकती है गिरावट

यह बात ध्यान में रखने की जरूरत है कि एक तरफ अर्निंग्स ग्रोथ अच्छी नहीं है तो दूसरी तरफ म्यूचुअल फंडों में निवेश घटने के संकेत हैं। ऐसे में अगर भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई जोर पकड़ती है तो इसका असर इंडियन स्टॉक मार्केट्स पर पड़ेगा।

आर श्रीराम

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