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घरेलू इकोनॉमी पर आधारित स्टॉक लग रहे अच्छे, मेटल और आईटी स्टॉक्स से रहें दूर

कैपिटल और इक्विटी मार्केट का करीब 19 साल का अनुभव रखने वाली शिबानी का कहना है कि अगली 2 तिमाहियों तक खपत से जुड़ी कंपनियों के मांग और अर्निंग को लेकर चुनौतियां देखने को मिल सकती हैं। ऐसे में गैर जरुरी खर्च से जुड़े स्टॉक्स को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। इसमें आईटी कंपनियां भी शामिल हैं

अपडेटेड Jun 07, 2023 पर 9:38 PM
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शिबानी का मानना है कि यूएस फेड के सामने ग्रोथ और महंगाई में संतुलन बनाने की बहुत बड़ी चुनौती है। ऐसे में यूएस फेड के फैसले के बारे में साफ अंदाजा लगाना मुश्किल है

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 08 जून को अपनी नीति दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। देश में महंगाई का स्तर आरबीआई की निर्धारित सीमा के ऊपरी छोर से नीचे है। ऐसे में दरों में बढ़त की संभावना नहीं नजर आ रही है। इस समय घरेलू इकोनॉमी पर आधारित शेयरों में तेजी की अच्छी संभावना दिख रही है। वहीं आईटी सहित ग्लोबल मार्केट में एक्सपोजर रखने वाले शेयरों की संभावना कमजोर नजर आ रही है। ये बाते मनीकंट्रोल के साथ हुई एक बातचीत में कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी (Kotak Mahindra Asset Management Company)की शिबानी सिरकर कुरियन (Shibani Sircar Kurian) ने कही हैं।

गैर जरुरी खर्च से जुड़े स्टॉक्स को लेकर रहें सावधान

कैपिटल और इक्विटी मार्केट का करीब 19 साल का अनुभव रखने वाली शिबानी का कहना है कि अगली 2 तिमाहियों तक खपत से जुड़ी कंपनियों के मांग और अर्निंग को लेकर चुनौतियां देखने को मिल सकती हैं। ऐसे में गैर जरुरी खर्च ( discretionary spends)से जुड़े स्टॉक्स को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। इसमें आईटी कंपनियां भी शामिल हैं।


यूएस फेड के सामने ग्रोथ और महंगाई में संतुलन बनाने की चुनौती

शिबानी का मानना है कि यूएस फेड के सामने ग्रोथ और महंगाई में संतुलन बनाने की बहुत बड़ी चुनौती है। ऐसे में यूएस फेड के फैसले के बारे में साफ अंदाजा लगाना मुश्किल है। वहीं आरबीआई की वर्तमान में हो रही नीति बैठक पर उन्होंने कहा कि आरबीआई की नजर मानसून की प्रगति , खाने -पीने की चीजों की महंगाई और घरेलू ग्रोथ आउटलुक पर रहेगी। इसके साथ ही आरबीआई यूएस फेड के रूख को भी ध्यान में रखेगा।

इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि भारत की घरेलू ग्रोथ, ग्लोबल ग्रोथ की तुलना में मजबूत रही है। कंपनियों के नतीजों से भी यह बात साफ होती है। उन्होंने यह भी बताया कि बैकिंग सेक्टर निवेश के नजरिए से उनके रडार पर है। बैंकिंग सेक्टर के क्रेडिट ग्रोथ में सुधार आ रहा है। एसेट क्वालिटी भी अच्छी स्थिति में है। इसके साथ ही बैंकों की बैंलेशसीट और कैपिटल एडीक्वेसी रेशियो (पूंजी पर्याप्तता अनुपात भी अच्छी स्थिति में है।

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घरेलू इकोनॉमी पर आधारित स्टॉक लग रहे अच्छे

बैंकिंग के अलावा घरेलू इकोनॉमी पर आधारित इंडस्ट्रियल, कैपिटल गुड्स ऑटो और सीमेंट सेक्टर भी शिबानी को अच्छे नजर आ रहे है। लेकिन इस बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि ग्लोबल स्तर पर तमाम चुनौतियों को देखते हुए भारी मात्रा में ग्लोबल एक्सपोजर रखने वाले मेटल और आईटी स्टॉक्स उनको पसंद नहीं है।

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