Suba Hotels IPO Listing: घरेलू होटल चेन सुबा होटल्स के शेयरों की आज एनएसई एसएमई पर धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 15 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत ₹111 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज NSE SME पर इसकी ₹154.20 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 38.92% का लिस्टिंग गेन (Suba Hotels Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर यह ₹161.90 (Suba Hotels Share Price) के अपर सर्किट पर पहुंच गया और इसी पर बंद भी हुआ यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 45.86% मुनाफे में हैं।
Suba Hotels IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च
सुबा होटल्स का ₹75.47 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 15.33 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 20.98 गुना (एक्स-एंकर), नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 22.41 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 9.07 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत ₹10 की फेस वैल्यू वाले 67,99,200 नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹53.48 करोड़ होटल प्रेमिसेज के अपग्रेडेशन और लास्ट-माइल फंडिंग और बाकी पैसे आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।
अक्टूबर 1997 में बनी सुबा होटल्स मिड-मार्केट सेक्टर में घरेलू होटल चेन है, जिसके 88 होटल चल रहे हैं। देश के 50 शहरों में इसके होटल्स में 4096 कमरे हैं। इसमें से अधिकतर होटल्स टियर 2 टियर 3 शहरों में हैं। इनके अलावा 40 होटल्स खुलने वाले हैं जिसमें 1832 कमरे हैं। जुलाई 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक इसके पास 227 कमरों वाले खुद के 5 होटल्स, 1,56,551 कमरों वाले 19 मैनेज्ड होटल्स, 823 कमरों वाले 14 रेवेन्यू शेयर और लीज होटल्स और 2469 कमरों वाले 48 फ्रेंचाइजी होटल्स हैं। इसके होटल्स गुजरात के अहमदाबाद, भुज, जूनागढ़, वडोदरा के साथ-साथ मध्य प्रदेश के पीतमपुर में हैं।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹2.78 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2024 में उछलकर ₹8.96 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में ₹15.15 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की टोटल इनकम सालाना 50% से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹79.98 करोड़ पर पहुंच गई।
इस दौरान कंपनी पर कर्ज वित्त वर्ष 2023 के आखिरी में ₹46.09 करोड़ और वित्त वर्ष 2024 के आखिरी में ₹45.73 करोड़ से वित्त वर्ष 2025 के आखिरी में ₹50.23 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान रिजर्व और सरप्लस की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 के आखिरी में यह ₹18.70 करोड़ और वित्त वर्ष 2024 के आखिरी में ₹27.57 करोड़ से वित्त वर्ष 2025 के आखिरी में ₹30.17 करोड़ पर पहुंच गया।
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